नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की एक और सूची जारी कर दी है। इस नई सूची में पार्टी ने पांच सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है। बवाना से सुरेंद्र कुमार, रोहिणी से सुमेश गुप्ता, करोल बाग से राहुल धानक, तुगलकाबाद से वीरेंद्र बिधूड़ी और बदरपुर से अर्जुन भड़ाना को टिकट दिया गया है। इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस ने 16 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की थी, जिसमें एक सीट पर उम्मीदवार बदला गया था। अब तक कांग्रेस ने कुल 68 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट। pic.twitter.com/73GV2KqPni
— Congress (@INCIndia) January 15, 2025
कांग्रेस इस बार दिल्ली चुनाव में पूरी ताकत झोंक रही है। पार्टी नेताओं ने भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) पर लगातार हमले तेज़ कर दिए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी और आप की राजनीति के चलते दिल्ली के लोगों को उनके मुद्दों पर कोई राहत नहीं मिली है। आम आदमी पार्टी के कामकाज को घेरते हुए कांग्रेस नेता सवाल उठा रहे हैं कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों पर कितनी गंभीरता से काम हुआ है।
राहुल गांधी ने भी इस चुनाव में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। उन्होंने हाल ही में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि ये दोनों नेता नहीं चाहते कि दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों को उनका हक मिले। राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि केवल कांग्रेस ही संविधान की रक्षा और सभी वर्गों को समान भागीदारी दिलाने के लिए संघर्ष कर रही है। उन्होंने दिल्ली के मतदाताओं से अपील की कि वे इस फर्क को समझें और कांग्रेस का साथ दें।
दिल्ली चुनाव को लेकर कांग्रेस के कई बड़े नेता मैदान में उतर चुके हैं। पार्टी की रणनीति उन वर्गों को जोड़ने की है, जो पिछले चुनावों में कांग्रेस से दूरी बना चुके थे। कांग्रेस का दावा है कि उनकी सरकार ने दिल्ली में वर्षों तक विकास कार्य किए और अब फिर से वही विश्वास और स्थिरता लौटाने की कोशिश हो रही है। पार्टी के उम्मीदवार अब अपनी-अपनी सीटों पर सक्रिय हो चुके हैं। जहां आम आदमी पार्टी अपनी सरकार के कामकाज के दम पर फिर से सत्ता में लौटने की कोशिश कर रही है, वहीं बीजेपी इस बार दिल्ली में बदलाव की बात कर रही है। इस माहौल में कांग्रेस तीसरी ताकत के रूप में खुद को पेश कर रही है। पार्टी का कहना है कि वह दिल्लीवासियों के लिए एक बेहतर विकल्प है और जनता को पुराने कांग्रेस शासन की स्थिरता और विकास को याद करना चाहिए। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस का यह आक्रामक रुख और टिकट वितरण की रणनीति उसे दिल्ली की राजनीति में कितना फायदा पहुंचाती है।