अपने बयान से पलटी कांग्रेस, बालाघाट में पोस्टल बैलेट से छेड़छाड़ के आरोप को लेकर कहा- 'हुई थी कंफ्यूजन'

अपने बयान से पलटी कांग्रेस, बालाघाट में पोस्टल बैलेट से छेड़छाड़ के आरोप को लेकर कहा- 'हुई थी कंफ्यूजन'
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बालाघाट: रविवार 3 दिसंबर को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का परिणाम आना है. इस दिन तय हो जाएगा की राज्य में बीजेपी की सरकार ही रहेगी या फिर कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी. लेकिन,  परिणाम से पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भी अपने एक्स (ट्वीटर) अकाउंट पर साझा किया है। इसमें दिखाई दे रहा है कि कुछ लोग स्ट्रांग रूम से पोस्टल वोट निकालकर गिनते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो बालाघाट का बताया जा रहा है। 

वही इस बीच अब कांग्रेस पार्टी अपने उस बयान से पलट गई है, जिसमें उसने बालाघाट जिले के कलेक्टर के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए एक्शन लेने की मांग की थी. पार्टी ने मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अफसर को इसके लिए एक पत्र भी लिखा था. कांग्रेस ने अपने पत्र में स्ट्रांग रूम से डाक मतपत्र बाहर ले जाने और फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया था, जिससे अब पार्टी पीछे हट गई है. एक वीडियो जारी कर कांग्रेस शहर इकाई के अध्यक्ष शफकत खान ने कहा है कि एक कंफ्यूजन की वजह से यह मुद्दा बन गया था. मगर अब उनकी पार्टी चुनाव अफसरों से स्पष्टीकरण मिलने के बाद संतुष्ट है. 

आपको बता दें कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) अनुपम राजन ने इन आरोपों से पहले ही मना कर दिया था. राजन ने यह भी कहा था कि स्थानीय कांग्रेस नेता प्रक्रिया से संतुष्ट हैं. राजन ने एजेंसी को बताया था कि कांग्रेस एवं भाजपा  के अधिकृत एजेंटों की उपस्थिति में ही डाक मतपत्र को स्ट्रांग रूम से निकालकर विधानसभावार अलग किया गया था. मुख्य चुनाव अफसर ने आगे कहा कि डाक मतपत्रों को बक्सों में रखा गया था. बैहर के 429, लांझी के 553, परसवाड़ा के 452, बालाघाट के 1308, वारासिवनी के 391 तथा कटंगी के 126 सर्विस वोटों को अधिकृत एजेंटों की उपस्थिति में अलग किया गया. हालांकि, मध्य प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं प्रदेश के चुनाव प्रभारी जेपी धनोपिया ने आरोप लगाया है कि डाक मतपत्रों को कोषागार कक्ष से बाहर ले जाया गया तथा उन कर्मचारियों को सौंप दिया जो इच्छा के मुताबिक इसे संभाल रहे थे. इसलिए, डाक मतपत्रों से छेड़छाड़ होने की पूरी संभावना है. धनोपिया ने बालाघाट कलेक्टर गिरीश चंद्र मिश्रा तथा इस प्रक्रिया से जुड़े सभी कर्मचारियों को सस्पेंड करने की मांग भी की.

वही कांग्रेस के हमले के बाद कलेक्टरेट के जनसंपर्क विभाग ने बयान जारी कर कहा था कि स्थानीय तहसील कार्यालय में स्ट्रॉन्ग रूम बनाया गया है. यहां आने वाले डाक मतपत्रों को अलग करने के लिए पार्टियों के अधिकृत मतदान एजेंटों की मौजूदगी में खोला गया. उन्होंने कहा कि प्रक्रिया के अनुसार, कई जिलों से इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ईटीबीपीएस) के जरिए आने वाले मतपत्रों को स्ट्रॉन्ग रूम खोलने के पश्चात् प्रतिदिन दिन दोपहर 3 बजे विधानसभावार अलग किया जाता है. चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, डाक मतपत्रों को सावधानीपूर्वक बंडलों में रखा जाता है. कलेक्टर ने आगे कहा कि किसी ने इस प्रक्रिया का वीडियो शूट किया तथा भ्रम पैदा करने के लिए इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. एक अफसर के अनुसार, मामले को गंभीरता से लेते हुए संभागीय आयुक्त ने प्रक्रिया के संचालन में लापरवाही के लिए सोमवार शाम नोडल अफसर हिम्मत सिंह को ससपेंड कर दिया.  

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