मुम्बई : बीएमसी चुनाव के त्रिशंकु परिणामो ने भाजपा के देवेंद्र फडणवीस की सरकार को मुसीबत में डाल दिया है. खबर है कि कांग्रेस इस मौके का फायदा उठाने की ताक में है. वह बीएमसी के बहाने राज्य की सरकार को गिराने की साजिश रच रही है. इसके लिए उसने शिव सेना को एक प्रस्ताव दिया है. इसके पूर्व कांग्रेस की कोर ग्रुप की बैठक हुई, जिसमें फडणवीस सरकार को गिराने का प्रस्ताव रखा गया. बैठक में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनाने का प्रस्ताव भी पेश हुआ. इस प्रस्ताव का अशोक चव्हाण, संजय निरुपम और नारायण राणे ने समर्थन किया.
गौरतलब है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के 122 विधायक हैं, तो वहीं शिवसेना के 63, कांग्रेस के 42, एनसीपी के 41 और 20 अन्य विधायक हैं. फिलहाल, महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन सरकार है और देवेंद्र फडणवीस इसके मुखिया हैं. अगर यहां शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस एक साथ आते हैं तो फडणवीस सरकार अल्पमत में आ जाएगी और सरकार गिर जाएगी.
इसके अलावा कांग्रेस ने शिव सेना को बीएमसी में अपना मेयर बनाने में भी मदद की पेशकश की है, जिसके तहत कांग्रेस के कुछ पार्षद गुप्त मतदान करेंगे. इस दौरान वो गैर मौजूद भी रह सकते हैं. वहीं, बीएमसी पर कब्जे की लड़ाई में शिवसेना और बीजेपी निर्दलीय पार्षदों को अपने साथ मिलाने में जुटी हैं. दावा है कि बीजेपी के साथ 86 तो शिवसेना के साथ 87 पार्षद हो गए हैं.
बता दें कि 227 सदस्यीय निगम में बहुमत के लिए 114 का जादुई आंकड़ा छूना जरुरी है. अगर शिवसेना को कांग्रेस का समर्थन मिलता है तो उसका पलड़ा भारी हो जाएगा. दरअसल, बीएमसी का मेयर पद का जो चुनाव है उसमें कांग्रेस के 31 वोट सबसे महत्वपूर्ण हैं. वहीं एनसीपी की 9 सीटें हैं. 21 अन्य के खाते में गई हैं. 3 निर्दलीय पार्षदों के शिवसेना में शामिल होने से महापौर के लिए आवश्यक 114 के आंकड़े तक पहुंचने के शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के प्रयासों को बल मिला है. इतना सब कुछ होते हुए भी बहुमत का आंकड़ा अब भी दूर की कौड़ी नजर आ रहा है.
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