भोपाल: मध्य प्रदेश में बीजेपी मंत्री विश्वास सारंग ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया है जिससे कांग्रेस भड़क गई है. जी दरअसल बीते शनिवार को मंत्री ने एक बयान देते हुए कहा, 'महंगाई की समस्या एक या दो दिन में नहीं आयी है. अगर देश के पहले प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी ने अर्थव्यवस्था को अच्छी स्थिति में छोड़ा होता तो मुद्रास्फीति नियंत्रण में होती.' इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा, 'देश की आज़ादी के बाद अर्थव्यवस्था को लचर बनाकर महंगाई बढ़ाने का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह नेहरू परिवार को ही जाता है. महंगाई एक-दो दिन में नहीं बढ़ती. अर्थव्यवस्था की नींव एक-दो दिन में नहीं रखी जाती है. 15 अगस्त, 1947 को लाल किले की प्राचीर से जवाहरलाल नेहरू ने जो भाषण दिया, उन्हीं गलतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था की ये हालत हुई है.'
मंत्री विश्वास सारंग का यह बयान कांग्रेस को रास नहीं आया और इस पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता के के मिश्रा ने कहा, 'मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सर्कस के योग्य मंत्री विश्वास सारंग 1947 में दिए नेहरू के भाषण को देश में बढ़ती महंगाई के लिए कारण बता रहे हैं. उस समय तो वह पैदा भी नहीं हुए होंगे. चिकित्सा शिक्षा मंत्री के रूप में क्या वह यह बता सकते हैं कि क्या नेहरू ही कोरोना वायरस महामारी के दौरान बेड, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की कमी के कारण हजारों मौतों के लिए जिम्मेदार थे?' आपको बता दें कि एक मशहूर वेबसाइट के अनुसार पत्रकारों से बात करते हुए बीजेपी मंत्री विश्वास सारंग ने यह भी दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले सात सालों में अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है. इसके अलावा उन्होंने यह भी दावा किया कि बीजेपी के शासन में महंगाई कम हुई है और लोगों की आय बढ़ी है.
इस दौरान उन्होंने तंज़ मारते हुए यह भी कहा कि, ''कांग्रेस कार्यकर्ताओं को 10 जनपथ जाकर विरोध प्रदर्शन करना चाहिए. उस समय देश की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित थी लेकिन जवाहर लाल नेहरू ने इस पर ध्यान नहीं दिया. इसकी उपेक्षा की. हमारी आबादी का सत्तर प्रतिशत हिस्सा कृषि पर निर्भर है लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की. ग्रामीण अर्थव्यवस्था टिकाऊ और आत्मनिर्भर थी. उन्होंने इसमें अपनी पश्चिमी मानसिकता डाल दी और गांव की अर्थव्यवस्था को खत्म कर दिया." आगे उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, 'मौजूदा परिस्थितियों के लिए नेहरू की ग़लत नीतियां ही ज़िम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि औद्योगीकरण करना ठीक था, लेकिन इसे कृषि आधारित होना चाहिए था. कश्मीर विवाद, आंतरिक सुरक्षा और सीमा पार के मुद्दे जैसी समस्याएं नेहरू के समय की हैं और अभी भी बनी हुई हैं. उन्होंने कहा कि इन समस्याओं ने हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है.'
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