नई दिल्ली : सपा और कांग्रेस के बीच उत्तरप्रदेश में गठबंधन की अंतिम कोशिशें तेज हो गई हैं. शनिवार को दिनभर की गतिविधियों के बाद देर शाम सोनिया गांधी ने अखिलेश यादव को फोन किया. सुना है कि राहुल और प्रियंका गांधी भी कोशिशें करते रहे. सोनिया के दखल के बाद गठबंधन की संभावना को फिर बल मिला है.
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर सपा के बीच मत भिन्नता होने से मामला उलझता जा रहा है.शनिवार को सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि उनकी सपा 300 सीटों पर लड़ेगी. कांग्रेस को 100 सीटें ऑफर की थी, लेकिन उसने 120 सीटें नहीं मिलने पर गठबंधन से इंकार कर दिया.अखिलेश के रवैये से नाराज सोनिया ने सख्त रुख दिखाते हुए चुनाव के पहले दो चरण के अपनी पार्टी के 140 उम्मीदवार तय भी कर लिए,लेकिन नामों का एलान न कर बातचीत की गुंजाइश बाकी रखी है.
बता दें कि अखिलेश कांग्रेस को 100 सीटें देना चाहते हैं.जबकि कांग्रेस ज्यादा सीटें मांग रही है.कांग्रेस अपना गढ़ रहे अमेठी, रायबरेली और सुल्तानपुर जिलों की 15 सीट मांग रही है, जबकि 2012 में इन तीन जिलों में 15 सीटों पर 12 पर सपा ने जीत दर्ज की थी और कांग्रेस को 2 सीट और पीस पार्टी को 1 सीट मिली थी
.इस गठबंधन को बचाने के लिए प्रियंका गांधी ने अपने भरोसेमंद धीरज को 20 जनवरी की देर रात दिल्ली से लखनऊ अखिलेश से बात करने भेजा था.अखिलेश ने शनिवार दोपहर धीरज से बात की. इसके बाद दिल्ली में गठबंधन को लेकर राहुल और सोनिया ने यूपी के नेताओं के साथ बैठक की.
सीटों को लेकर तालमेल नहीं होने से रुकावट आ रही है.सपा नेता किरणमय नंदा ने कांग्रेस को करीब 85 सीटें देने की बात कही है.जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर का कहना है कि बातचीत में किसी तरह की रुकावट नहीं है. लेकिन कांग्रेस ने सकारात्मक संकेत नहीं दिया है.
उधर, यूपी बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सपा-कांग्रेस के गठबंधन से ना बीजेपी की सेहत पर असर पड़ने वाला है और ना टूटने से.यदि यह गठबंधन नहीं होता है तो सपा और कांग्रेस अपनी राह चलकर अलग अलग चुनाव लड़ेंगे.
अखिलेश खेमे में शामिल हो सकते सुरेश रैना, मिल सकता है टिकट
बीजेपी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी, इन नेताओ के नाम नहीं