नई दिल्लीः बीते दिनों अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी ने बैंकी की खास्ताहालत को देखते हुए सरकार को कुछ सुझाव दिए थे। इस सुझाव में उन्होंने कहा था सरकार को बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 50 फीसदी से कम करना चाहिए। अब अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को समर्थन देने वाली कांग्रेस इस मुद्दे पर उनसे अलग सहमत नहीं दिख रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बनर्जी के इस सुझाव से असहमति जताई है।
जानकारी के लिए बता दें कि कल यानि मंगलवार को अभिजीत बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मैं अभिजीत बनर्जी के बौद्धिक कौशल से आश्चर्य में हूं, मैं उनसे दृढ़ता से असहमत हूं कि सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण करना चाहिए। पीएम मोदी से मिलने के बाद बनर्जी ने कहा था कि सरकार को देश में बैंकिंग संकट से निपटने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण करना चाहिए। उन्होंने देश में बैंकिंग संकट को भयावह करार दिया था।
साथ ही इस स्थिति से निपटने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकारी हिस्सेदारी को कम करने की बात कही थी। अभिजीत बनर्जी ने कहा था कि सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी को 50 फीसदी से कम करनी चाहिए, ताकि बैंक केंद्रीय सतर्कता आयोग के दायरे से बाहर हो जाएं। बता दें कि देश में बैंकिंग सेक्टर अभी चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहा है। भारी मात्रा में एनपीए ने बैंकों की कमर तोड़ दी है।
नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी ने बैंकिंग संकट को लेकर सरकार को दी यह सलाह
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