रायपुर: छत्तीसगढ़ के रायपुर में कांग्रेस का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन जारी है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद पार्टी का यह अधिवेशन बेहद अहम माना जा रहा है। इस दौरान कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई थी, लेकिन फिर पार्टी ने फैसला लिया कि CWC चुनाव नहीं होंगे और पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ही सदस्यों को नामित करेंगे। यानी एक तरह से खड़गे को हाई कमान ने फ्री हैंड दे दिया है। हालांकि, मलिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि वह शीघ्र ही इस मामले पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ सलाह-मशविरा करेंगे।
दरअसल, कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के चुनाव होंगे या नहीं, इस सवाल को लेकर अंतिम समय तक संशय बना रहा, इसका एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि हाईकमान ने पहले ही सुनिश्चित कर लिया था कि कमेटी के सदस्यों को रायपुर पहुंचने से पहले लॉबी बनाने और गुटबाजी करने का मौका ही न मिले। इससे पहले 1997 में, जब अंतिम बार CWC चुनाव हुए थे, तब दिग्गज नेताओं और संभावित उम्मीदवारों ने समर्थन बटोरने में कई दिन बिताए थे।
CWC चुनाव नहीं कराए जाने की कई वजहों पर चर्चा की जा रही है। यूपी के कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी CWC के चुनावों का विरोध करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा था कि इससे पार्टी कमजोर होगी और आने वाले राज्य और लोकसभा चुनावों से पहले यह अच्छा विकल्प नहीं हो सकता है। उन्होंने यह भी दलील दी थी कि कम प्रतिनिधियों वाले छोटे राज्य मतदान के मामले में CWC में प्रतिनिधित्व की उम्मीद नहीं कर सकते। पार्टी महासचिव वेणुगोपाल ने बीते कुछ दिनों में कुछ नेताओं से इसी प्रकार की बात कही थी। चुनाव का विरोध करने वालों में टी सुब्बारामी रेड्डी भी शामिल थे। वहीं, सूत्रों का कहना है कि चुनाव करवाने का पक्ष लेने वालों में दिग्विजय सिंह और अजय माकन शामिल थे।
हादसे का शिकार हुई अमित शाह की रैली से लौट रहीं तीन बसें, कइयों की हुई मौत
आज बिहार दौरे पर अमित शाह, हमलावर हुआ विपक्ष
'देवेगौड़ा मेरे आदर्श, RSS के कारण यहाँ तक पहुंचा..', आंसुओं के साथ येदियुरप्पा ने दिया विदाई भाषण