नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार (17 सितंबर) को नामीबिया से लाए गए चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने 1952 में देश से चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया, मगर दशकों तक उनके पुनर्वास के लिए कोई सार्थक कोशिशें नहीं हुईं। वहीं, कांग्रेस ने चीतों से संबंधित इस पूरे कार्यक्रम को दिखावा और भारत जोड़ो यात्रा से ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'प्रधानमंत्री शासन में निरंतरता को शायद ही कभी स्वीकार करते हैं। चीता प्रोजेक्ट के लिए 25.04.2010 को केपटाउन की मेरी यात्रा का उल्लेख तक न होना इसका ताजा उदाहरण है। आज पीएम ने बेवजह का तमाशा खड़ा किया। ये राष्ट्रीय मुद्दों को दबाने और भारत जोड़ो यात्रा से ध्यान भटकाने की कोशिश है।'
एक अन्य ट्वीट में जयराम रमेश ने कहा कि, '2009-11 के दौरान जब बाघों को पहली बार पन्ना और सरिस्का में शिफ्ट किया गया, तब कई लोग आशंकाएं व्यक्त कर रहे थे। वे गलत साबित हुए। चीता प्रोजेक्ट पर भी उसी तरह की भविष्यवाणीयां की जा रही हैं। इसमें शामिल प्रोफेशनल्स काफी अच्छे हैं। मैं इस प्रोजेक्ट के लिए शुभकामनाएं देता हूं!' वहीं, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने अपने ट्वीट में लिखा कि 'क्यूंकि हमारा शेर भारत जोड़ो यात्रा पर निकला हुआ है तो भारत तोड़ने वाले विदेश से अब चीते ला रहे हैं।'
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