बसपा पार्टी के सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा से कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फिरने की आशंका जताई जा रही है. यदि ऐसा हुआ तो जिग्नेश को साथ लेकर दलित वोटों पर हक जता रही कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं होगा
बता दें कि बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती गुजरात की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं..हालाँकि गुजरात में बसपा जनाधार नहीं है , फिर भी जीत -हार में उसकी बड़ी भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि माया की एंट्री से दलित वोट बंटेंगे.
उल्लेखनीय है कि गुजरात में 7 फीसदी दलित मतदाता हैं.वहीं 11 फीसदी आदिवासी हैं. गुजरात में 40 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जो दलित और आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं. इनमें से 27 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए और 13 सीटें अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित हैं.सारा दारोमदार इन्हीं चालीस सीटों पर है.
बीएसपी ने हर बार गुजरात चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े किये हैं , हालांकि एक भी नहीं जीता लेकिन उसके प्रतिशत में जरूर इजाफा हुआ है .इस बार के चुनाव में यही बात कांग्रेस के खिलाफ तो बीजेपी के पक्ष में जा रही है.ऐसे में कांग्रेस को बसपा के हाथी से खतरा पैदा हो गया है.
यह भी देखें
प्रचार के लिए हर बार नए मुद्दे लाएगी कांग्रेस
सूरत में राहुल ने बोला हल्ला बोल