नई दिल्ली: कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने के लिए पूरे साल के लिए व्यापक योजना बनाई है. केंद्र की मोदी सरकार के ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रमों के समानांतर कांग्रेस अपना उत्सव मनाएगी, किन्तु इन कार्यक्रमों में भी कांग्रेस का पूरा फोकस किसानों और दलितों पर रहेगा.
दरअसल, आगामी विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस अपनी खोए सियासी अस्तित्व की तलाश में पुरजोर कोशिश में जुटी हुई है. फिर चाहे मुद्दा किसानों का हो, महंगाई का हो या फिर तेल की कीमतों का, कांग्रेस नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ आक्रामक हो गई है. इसके साथ ही वो लोगों से सीधे संपर्क बनाने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ना चाहती. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के तमाम शीर्ष नेता जमीन पर दिखाई दे रहे हैं.
कांग्रेस का यह कार्यक्रम अगले साल 15 अगस्त तक जारी रहेगा. इस कार्यक्रम को रूपरेखा देने के लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा एक विशेष समिति गठित की गई है, जिसके संयोजक बीके हरिप्रसाद हैं. इस पैनल की अगुवाई पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह कर रहे हैं और इसमें 11 सदस्य हैं. इस कार्यक्रम के जरिए कांग्रेस अपने इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम में पार्टी के योगदान को सीधे जनता तक पहुंचाने का प्रयास करेगी.
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