नई दिल्ली: 2019 लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस पहली बार ताकत के साथ केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ 14 दिसंबर को देश की राजधानी नई दिल्ली में रैली करने जा रही है। नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर देश के पूर्वी हिस्से में चल रहे प्रदर्शन को कांग्रेस बड़ा हथियार बनाने जा रही है। इसके अलावा उन्नाव, हैदराबाद सहित अन्य इलाकों में हुई दुष्कर्म की घटनाओं, अर्थव्यवस्था की बदहाली और महंगाई जैसे मुद्दों को ध्यान केंद्रित कर आमजन को जोड़ने की कोशिश की जा रही है।
वहीं रैली में दिल्ली से लगे राजस्थान सहित अन्य राज्यों से बड़ी तादाद में लोगों को जुटाने में कांग्रेस नेता जुटे हुए हैं। लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस वापस अपनी जमीन तैयार करने में लग गई है। इसी क्रम में पहले जिले और राज्यों में केन्द्र के खिलाफ प्रदर्शन किए गए और अब दिल्ली में बड़ी रैली होने वाली है। कांग्रेस नेताओं ने रैली की तैयारियों के लिए बुधवार को रामलीला मैदान का जायजा भी लिया। इस दौरान संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि जह जनजागृति रैली होगी। इन दिनों नॉर्थ-ईस्ट के लोगों में केन्द्र के खिलाफ आक्रोश है। इसके विरोध में लोग सड़कों पर उतर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी इसके विरुद्ध प्रदर्शन कर रही है, किन्तु गृहमंत्री अमित शाह कह रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी मिस इंफॉर्मेशन फैला रही है कि ये भारतीय मुस्लिमों के विरुद्ध है। जबकि हकीकत में अमित शाह भ्रांति फैला रहे हैं। वहीं महासचिव मुकुल वासनिक ने कहा कि 14 दिसम्बर को होने वाली भारत बचाओ रैली की तैयारी चरम पर हैं। ये ऐतिहासिक रैली रहेगी। भारत की आम जनता आज परेशानियों से जूझ रहा है, उसकी पूरी जिंदगी तबाह हो गई है। भारत सरकार अस्तित्व में है या नहीं है इस प्रकार की अब चर्चा होने लग गई है।
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