नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में अन्य राज्यों की सरकारें काफी एक्टिव नजर आ रही हैं. पंजाब और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकारों की तरफ से लखीमपुर में मारे गए किसानों के परिवार को 50-50 लाख रुपये देने की घोषणा के बाद पंजाब के मंत्री की तरफ से यह भी कहा गया कि प्रदेश कांग्रेस 10 हजार वाहनों के काफिले के साथ गुरुवार को लखीमपुर के लिए रवाना होगी.
वहीं, कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत गुरुवार सुबह उत्तराखंड के रामनगर से 1000 गाड़ियों के काफिले के साथ लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो रहे हैं. पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी कैबिनेट में मंत्री परगट सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार और पंजाब कांग्रेस लखीमपुर खीरी के पीड़ितों के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ी है. पंजाब कांग्रेस कल 7 अक्टूबर को 10 हजार गाड़ियों के काफिले के साथ लखीमपुर खीरी के लिए रवाना होगी. सभी एयरपोर्ट चौक पर इकठ्ठा होंगे.
इससे पहले लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों को पंजाब और छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से 50-50 लाख रुपये देने की घोषणा की है. दोनों राज्यों की सरकारों ने घटना की कवरेज के दौरान मारे गए पत्रकार के परिजनों को भी 50-50 लाख रुपये देने की बात कही है. हालांकि, 10 हज़ार गाड़ियों के विशाल काफिले के साथ लखीमपुर जाने की कांग्रेस की योजना के पीछे पीड़ितों के प्रति संवेदना है, या फिर सियासी लाभ उठाने की कोशिश, ये एक बड़ा सवाल है. क्योंकि, इतना विशाल काफिला रैलियों में ले जाया जाता है, किसी पीड़ित के घर इतनी भीड़ इकठ्ठा करना, उसे सांत्वना देने से अधिक उसे परेशान कर सकता है.
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