अमृतसर: पंजाब में कांग्रेस ने रविवार को हिंदू समुदाय को लुभाने के लिए बड़े बड़े ऐलान किए. राज्य के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने खाटी (फगवाड़ा) में एक सभा को संबोधित करते हुए रामायण, महाभारत और श्रीमद्भगवद गीता पर एक विशेष शोध केंद्र स्थापित करने का ऐलान किया. इस कार्यक्रम के दौरान सीएम चन्नी ने भगवान परशुराम तपोस्थल का शिलान्यास भी किया.
सीएम चन्नी ने कहा कि यह अत्याधुनिक अनुसंधान केंद्र इन तीन महाकाव्यों के संदेश को फ़ैलाने का काम करेगा. ये महाकाव्य कई युगों से मानवता के लिए प्रेरणा के स्रोत रहे हैं. यह शोध केंद्र इन महाकाव्यों के संदेश को आम लोगों के बीच सरल रूप में प्रसारित करेगा. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम चन्नी ने कहा कि राज्य सरकार भगवान परशुराम के तपोस्थान को अत्याधुनिक वास्तुकला के तौर पर विकसित करेगी. इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए शंकराचार्य को शामिल करने की कोशिश की जा रही है.
सीएम चन्नी ने कहा कि 75 लाख रुपए माता रेणुका से जुड़े स्थल के विकास पर खर्च किए जाएंगे. राज्य में आवारा पशुओं की उचित देखरेख सुनिश्चित करने के लिए ब्राह्मण कल्याण बोर्ड को यह जिम्मा सौंपा जाएगा. सीएम चन्नी ने पंजाबी यूनिवर्सिटी में भगवान परशुराम पीठ के लिए दो करोड़ रुपये के बजट के प्रावधान का भी ऐलान किया. इसके साथ ही खाटी ग्राम पंचायत को 21 लाख रुपये देने का भी ऐलान किया.
हालांकि, सियासी जानकारी कांग्रेस की इन घोषणाओं को आगामी विधानसभा चुनावों में हिन्दू वोटों को आकर्षित करने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं. वहीं, कुछ लोगों का ये भी कहना है कि श्री राम को कपोल-कल्पना मानने वाली कांग्रेस आज रामायण पर शोध क्यों करवा रही है. बता दें कि, 2013 में जब सुप्रीम कोर्ट में सेतु समुद्रम प्रोजेक्ट पर बहस चल रही थी, तब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बाकायदा हलफनामा दाखिल करते हुए कहा है कि, 'श्रीराम कभी पैदा ही नहीं हुए थे, यह केवल कोरी कल्पना ही है.' ऐसे में अब ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस इन वादों से हिन्दू वोटरों को आकर्षित करने में कामयाब होती है या फिर मतदाता उसे आइना दिखाते हैं .
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