नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा लंदन में दिए बयान को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह से लेकर प्रह्लाद जोशी तक राहुल की टिप्पणियों को लेकर माफी की मांग कर चुके हैं। अब इस पूरे मामले में भले ही कांग्रेस बैकफुट में दिखाई दे रही हो किन्तु, राहुल के बयान पर हो रहे हल्ले के जवाब में कांग्रेस अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर विरोध तेज करने का प्लान बना रही है।
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि यदि सरकार JPC की मांग स्वीकार नहीं करती, तो उम्मीद नहीं है कि सदन अगले कुछ दिन सुचारू रूप से चल पाएगा। राहुल गांधी के बयान को भाजपा द्वारा मुद्दा बनाए जाने के बाद कांग्रेस अडानी-हिंडनबर्ग मामले में विरोध तेज करने की रणनीति पर काम कर रही है। इस मामले में पार्टी के विरोध प्रदर्शनों को देश के कुछ हिस्सों में समर्थन भी मिल रहा है। जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं और अन्य दलों के नेताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ सैकड़ों की तादाद में राज्यों के गवर्नर हाउस तक मार्च निकाला।
पार्टी नेताओं ने दावा करते हुए कहा है कि संसदीय पैनल की उनकी मांग और मूल्य वृद्धि को लेकर विरोध जारी रहेगा। कांग्रेस के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि, 'यदि सरकार JPC की हमारी मांग को स्वीकार नहीं करती है तो हमें उम्मीद नहीं है कि अगले कुछ दिनों तक सदन सुचारू रूप से चलेगा।' बता दें कि, अडानी-हिंडनबर्ग का मामला फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट में है और अदालत एक्सपर्ट कमिटी द्वारा इसकी जांच करा रही है, जो भी सच्चाई होगी, वो जल्द ही सबके सामने आएगी। लेकिन, इस मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे से सदन की कार्यवाही बाधित होने के पूरे आसार हैं।
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