भोपाल: MP में भले ही विधानसभा चुनाव अगले वर्ष होने हैं, किन्तु कांग्रेस इसकी तैयारी में अभी से जुट गई है। सोमवार शाम को पूर्व सीएम एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भोपाल में कांग्रेस के बड़े नेताओं की मीटिंग बुलाई। इसमें 2023 चुनाव के चलते भारतीय जनता पार्टी को किन मुद्दों पर घेरना है, उसपर योजना बनाई गई। बैठक में निर्धारित हुआ कि 2023 का चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।
वही कार्यकारी अध्यक्ष पटवारी ने बताया कि मीटिंग में तय हुआ कि 'प्रदेश में किसान और नौजवान परेशान हैं। इसलिए 2023 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस शिवराज सरकार के कुशासन, भ्रष्टाचार, किसानों के संकट तथा दूसरे आर्थिक सामाजिक मसलों पर लड़ेगी। पटवारी ने कहा कि कमलनाथ के नेतृत्व में राज्य के लोगों के अहम मसले उठाने के लिए आंदोलन की विस्तृत कार्य रणनीति तैयार कर ली गई है। जल्द ही राज्य के लोग देखेंगे कि कांग्रेस पार्टी कैसे सड़क से लेकर विधानसभा तक पूरे राज्य में लोगों के मुद्दों पर जन आंदोलन खड़ा करेगी।
वहीं पूर्व वित्तमंत्री तरुण भनोट ने कहा कि मध्यप्रदेश के आर्थिक हालात बहुत खराब हो गए है। राज्य पर 4 लाख करोड़ का कर्ज हो गया है। ऐसी स्थिति में राज्य के लोगों पर डीजल, पेट्रोल, गैस, बिजली एवं महंगाई लादी जा रही है। लिहाजा इन सभी मसलों पर लोगों को जागरूक किया जाएगा। पूर्व सीएम कमलनाथ के आवास पर बुलाई गई मीटिंग में सभी नेताओं ने आम मंजूरी से कमलनाथ से कहा कि उन्हीं को 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व करना है। एक-एक नेता उनके नेतृत्व में पूरी ताकत से कांग्रेस की सरकार बनवाने के लिए कटिबद्ध है। मीटिंग में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कावरे सम्मिलित हुए।
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