बैंगलोर: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने बुधवार (11 अक्टूबर) को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को बदलने और कर्नाटक राज्य शिक्षा नीति तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया है। सिद्धारमैया सरकार ने एक 'सरकारी आदेश' (GO) जारी कर 15 सदस्यीय समिति का गठन किया है और विशेषज्ञ सलाह देने के लिए आठ विषय विशेषज्ञों/सलाहकारों का एक अलग समूह है। गवर्नमेंट आर्डर में कहा गया है कि, "सरकार एक प्रख्यात शिक्षाविद्, अर्थशास्त्री, प्रोफेसर, लेखक और UGC नई दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर सुखदेव थोराट की अध्यक्षता में कर्नाटक राज्य शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने के लिए राज्य शिक्षा नीति आयोग को मंजूरी देकर प्रसन्न है।" बता दें कि, जिस राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2021 को कांग्रेस बदलने जा रही है, उसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन ने बनाया था। वहीं, अब सरकार की 15 सदस्यीय टीम में योगेंद्र यादव को सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट बनाया गया है, जो पहले AAP नेता थे, किसान आंदोलन के दौरान किसान नेता बने और फ़िलहाल चुनावी विश्लेषक बने हुए हैं।
समिति में कई सदस्य हैं, जैसे प्रोफेसर एस जाफेट, जो यूजीसी द्वारा प्रायोजित सामाजिक बहिष्कार और समावेशी नीति अध्ययन केंद्र के संस्थापक निदेशक हैं। इसमें सुधीर कृष्णस्वामी भी हैं, जो नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी के कुलपति हैं, शरत अनंतमूर्ति, हैदराबाद विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ फिजिक्स में प्रोफेसर हैं, ए नारायण, जो अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ पॉलिसी एंड गवर्नेंस में प्रोफेसर हैं। इसके अलावा समिति में अन्य सदस्य भी शामिल हैं। उच्च शिक्षा विभाग के विशेष अधिकारी, भाग्यवान एस मुदिगौड़ा, आयोग के सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे, और बैठक की कार्यवाही का समन्वय और देखरेख करेंगे।
Ntl. Education Policy, by BJP Govt wasn't created by a street chap.
— Karthik Reddy (@bykarthikreddy) October 11, 2023
It was by former ISRO Chairman K Kasturirangan.
Karnataka Congress Govt scrapped it & called it 'Nagpur Policy'.
It has now created a team to draft SEP that includes Yogendra Yadav as Subject Matter Expert. pic.twitter.com/a5zET3pMZ7
बता दें कि, सदस्यों को विशेषज्ञ सलाह के लिए विषय विशेषज्ञों/सलाहकारों के रूप में पहचाना जाता है, जिनमें सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज, दिल्ली के वरिष्ठ फेलो प्रोफेसर योगेन्द्र यादव (पूर्व AAP नेता) ; प्रोफेसर रहमथ तारिकेरे, कन्नड़ में सेवानिवृत्त प्रोफेसर, कन्नड़ विश्वविद्यालय, हम्पी; जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक अध्ययन केंद्र में इतिहासकार और सेवानिवृत्त प्रोफेसर प्रोफेसर जानकी नायर, इंजीनियर से शिक्षा सुधारक बने सोनम वांगचुक और हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) के निदेशक सहित अन्य शामिल थे।
सीएम सिद्धारमैया ने कहा है कि, "कर्नाटक राज्य शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने के लिए प्रोफेसर सुखदेव थोराट की अध्यक्षता में एक समिति की स्थापना की गई है। मुझे विश्वास है कि यह समिति वैज्ञानिक स्वभाव, बौद्धिक विकास और छात्रों के समग्र विकास के लिए शिक्षा हेतु आवश्यक शिक्षा के लिए उपयुक्त सिफारिशें प्रदान करेगी।" उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि कर्नाटक की राज्य शिक्षा नीति देश के लिए एक मॉडल शिक्षा नीति के रूप में काम करेगी।" कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने हाल ही में कहा है कि राज्य सरकार ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई मौजूदा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को खत्म करने और आने वाले वर्ष में राज्य के लिए एक नई शिक्षा नीति तैयार करने का फैसला किया है।
बता दें कि, भाजपा के शासनकाल में 'कर्नाटक' पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2021 (NEP 2021) लागू करने वाला पहला राज्य बना था। जिसे अब कांग्रेस सरकार बदलने जा रही है। इसमें कहा गया है कि सरकारी आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा और सभी संबंधित प्राधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे विचार-विमर्श के दौरान आयोग को अपना पूरा सहयोग और सहायता प्रदान करें। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण विभाग (DSERT) और कर्नाटक राज्य उच्च शिक्षा परिषद (KSHEC), बेंगलुरु आयोग को सभी प्रशासनिक / सचिवालय सहायता और रसद सहायता प्रदान करेंगे। आयोग के सदस्यों को कर्नाटक सरकार के मौजूदा नियमों के अनुसार टीए/डीए का भुगतान किया जाएगा।
Operation Ajay शुरू..! आतंकी हमले के बीच इजराइल में फंसे अपने लोगों को वापस लाएगा भारत