श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में सोमवार को एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद के मुद्दे पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 1990 की तरह आज भी आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के प्रयास हो रहे हैं। शाह ने नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उन्होंने वादा किया है कि उनकी सरकार बनने पर आतंकवादियों को छोड़ देंगे। उन्होंने दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार के तहत किसी को भी भारत की भूमि पर आतंकवाद फैलाने की हिम्मत नहीं है।
शाह ने 1990 के दशक में आतंकवाद की स्थिति का उल्लेख किया और कहा कि इस दौरान चंद्रिका शर्मा और परिहार बंधुओं ने महत्वपूर्ण कुर्बानियां दीं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की जनता से वादा किया कि आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा। शाह ने भाजपा की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन आतंकवाद का पोषक रहा है और जब-जब इनकी सरकारें आईं, आतंकवाद को बढ़ावा मिला। उन्होंने फारूक अब्दुल्ला पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब घाटी खून से लथपथ थी, तो वे कहां थे। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस एक ओर आतंकवाद को बढ़ावा देना चाहते हैं, पुराना दौर वापस लाना चाहते हैं, जबकि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर को विकसित बनाना चाहती है। उन्होंने धारा-370 के हटने के बाद महिलाओं को मिले आरक्षण का उल्लेख किया और कहा कि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस इसे समाप्त करना चाहते हैं, जबकि मोदी सरकार महिलाओं, गुर्जरों, पहाड़ियों, दलितों और ओबीसी को आरक्षण का अधिकार देना चाहती है।
अमित शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने दावा किया है कि उनकी सरकार बनने पर वे अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करेंगे। शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 अब इतिहास का हिस्सा बन चुका है और भारतीय संविधान में इसके लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में केवल एक तिरंगा झंडा होगा और किसी भी स्थिति में दो प्रधानमंत्री, दो संविधान या दो झंडे नहीं हो सकते।
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