भोपाल: मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार के विरुद्ध कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया है। कांग्रेस के 51 सूत्री आरोपों का सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2 घंटे से ज्यादा वक़्त तक चुन-चुनकर जवाब दिया। तत्पश्चात, ध्वनिमत से प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया गया। इसके साथ ही विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए रद्द कर दिया गया है।
मध्य प्रदेश में सीएम शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार के विरुद्ध कांग्रेस द्वारा विधानसभा में बुधवार को पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर लंबी चर्चा हुई। बुधवार को दोपहर लगभग 12 बजकर 20 मिनट पर आरम्भ हुई चर्चा बिना किसी विराम के देर रात 12 बजकर 35 मिनट तक लगभग साढ़े 12 घंटे तक जारी रही जिसके पश्चात् विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही बृहस्पतिवार प्रातः 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। आज सुबह सीएम ने चर्चा पर जवाब दिया तथा फिर मतदान करवाया गया।
विपक्षी दल कांग्रेस के निरंतर हंगामे के बीच सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष के अवश्विास प्रस्ताव के बिंदुओं पर अपना जवाब दिया। चौहान के तकरीबन ढाई घंटे के संबोधन के चलते उन्होंने लगभग सभी बिंदुओं पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कांग्रेस के 15 महीने के शासनकाल के चलते की गतिविधियों को लेकर विपक्ष को निरंतर घेरा। सीएम चौहान ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि कांग्रेस 15 वर्ष पश्चात् सरकार में आई, तो जनता से किए अपने सभी वायदे पूरा करेगी। इस के चलते उन्होंने प्रतिपक्ष से ही कहा कि वे सोचें कि उनकी सरकार आखिर गिर क्यों गई। आज सदन की कार्यवाही के चलते पूर्व सीएम कमलनाथ की अनुपस्थिति को भी उन्होंने रेखांकित किया। सीएम ने कहा कि मौजूदा सरकार विपक्ष के सदस्यों के सम्मान का भी ध्यान रखती है। इसी के चलते उन्होंने एक उदाहरण के माध्यम से बताया कि जब वे सीएम नहीं थे तो उनके साथ किस तरह का बर्ताव किया गया था। चौहान ने कहा कि कांग्रेस की कमलनाथ सकार ने भ्रष्टाचार का लोकव्यापीकरण किया। उन्होंने कहा कि उस समय पदों की बंदरबांट हुई। वरष्ठितम स्तर के अफसरों की नियुक्तियों में लेन-देन होता रहा। तबादलों का खेल चला। भ्रष्टाचार के चलते प्रदेश में त्राहि-त्राहि मच गई। इसी के चलते उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रण लिया है कि जब तक उस भ्रष्टाचार की बेल को समाप्त नहीं कर देंगे, चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने कांग्रेस की सरकार के दौरान हुए घोटालों का संदर्भ देते हुए कई के नाम भी गिनाए। उन्होंने तत्कालीन सरकार के वक़्त बीजेपी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाए जाने की भी बात कही। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ सरकार में संबल योजना बंद कर दी गई। लाखों हितग्राहियों के नाम काट दिए गए। उन्होंने आदिवासियों के हितों में किए गए अपनी सरकार के कार्यों की जानकारी देते हुए पेसा अधिनियम के प्रावधानों के बारे में भी जानकारी दी।
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