शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के हाल ही में हुए उपचुनावों में कांग्रेस पार्टी ने छह में से चार सीटों पर जीत हासिल करते हुए महत्वपूर्ण जीत हासिल की। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शेष दो सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रही। कांग्रेस द्वारा जीती गई सीटों में लाहौल स्पीति, सुजानपुर, गगरेट और कुटलैहड़ शामिल हैं, जबकि बड़सर और सुधीर शर्मा ने भाजपा के लिए जीत हासिल की। उपचुनावों के नतीजों ने कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायकों को झटका दिया है।
उल्लेखनीय है कि लाहौल से रवि ठाकुर, सुजानपुर से राजिंदर राणा, गगरेट से राकेश कालिया और कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्टो जैसे उम्मीदवारों को उपचुनावों में हार का सामना करना पड़ा। नतीजतन, इन हार के बाद उनके राजनीतिक भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। उपचुनावों के नतीजों के बाद, कांग्रेस के पास अब हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कुल 38 सीटें हैं, जिससे राज्य विधानसभा में उसकी स्थिति मजबूत हो गई है। इसके विपरीत, दो सीटों पर जीत के साथ भाजपा के पास विधानसभा में कुल 27 सीटें हैं। इसके अलावा, यह भी ध्यान देने योग्य है कि निकट भविष्य में तीन और सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं, क्योंकि निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे को स्पीकर ने स्वीकार कर लिया है।
हिमाचल प्रदेश उपचुनाव के नतीजों का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था, क्योंकि इसका राज्य के राजनीतिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। कांग्रेस ने जहां चुनावों में अपनी सफलता का जश्न मनाया, वहीं भाजपा की आकांक्षाओं को अप्रत्याशित नतीजों से झटका लगा। भाजपा ने राज्य में अपने राजनीतिक प्रभाव को मजबूत करने के लिए सभी सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा था। हालांकि, उपचुनाव के नतीजों ने पार्टी की चुनावी महत्वाकांक्षाओं को अप्रत्याशित झटका दिया।
अमेरिका का Minuteman-3 मिसाइल परीक्षण: वैश्विक तनाव के बीच शक्ति प्रदर्शन
कांग्रेस की जेनीबेन ठाकोर ने रोका भाजपा का विजयी रथ, गुजरात में क्लीन स्वीप को झटका
तमिलनाडु लोकसभा चुनाव में DMK-कांग्रेस गठबंधन का दबदबा, भाजपा एक भी सीट हासिल करने में नाकाम