नई दिल्ली : एक आदिवासी कार्यकर्ता को एयर इंडिया की फ्लाइट से उतारे जाने को लेकर बवाल मच गया है। आदिवासियों के अधिकारों के लिए काम करने वाले ग्लैडसन डुंगडुंग को एयर इंडिया की लंदन जाने वाली फ्लाइट से उतार दिया गया। एयरलाइंस ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि यह कदम सरकारी प्रशासन द्वारा उठाया गया है।
डुंगडुंग ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि उन्हें आज सुबह दिल्ली से लंदन की फ्लाइट एआइ 115 से लंदन नहीं जाने दिया गया। इसके पीछे की वजह बताते हुए उनसे कहा गया कि उनका पासपोर्ट 2013 में ही जब्त हो चुका है। इसलिए इसे वापस रांची स्थित आरटीओ में भेजा जाएगा, ताकि वेरिफिकेशन हो सके।
लेकिन सच्चाई यह है कि 2013 में उनका पासपोर्ट जब्त हुआ था, जिसे उन्हें 2014 में वापस दे दिया गया था। डुंगडुंग ने कहा कि तभी वो 2014 में डेनमार्क में और लंदन में हुए कुछ सम्मेलनों में हिस्सा ले सके थे। उन्होने बताया कि वो ब्रिटेन की सुसेक्स यूनिवर्सिटी में 10 मई को एनवायरमेंटल हिस्ट्री और दक्षिण एशिया की राजनीति पर एक कार्यशाला में भाग लेने जा रहे थे।
उन्होंने कहा कि वह आदिवासी के अधिकारों के लिए लड़ते हैं। उन्होने माना कि यह उनकी किताबी मिशन सारदा का असर है। उन्होने कहा कि विजय माल्या जैसे लोगों को नहीं उतारा जाता लेकिन मुझ जैसे लोगों को उतार दिया जाता है।
एयर इंडिया ने एक बयान जारी कर कहा है कि डुंगडुंग को सरकारी और आव्रजन अधिकारियों ने जाने से रोका था। उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी एक ग्रीनपीस कार्यकर्ता प्रिया पिल्लई को ब्रिटेन जाने से रोकने पर बड़ा विवाद हुआ था।