दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह स्थित ‘गंगा जमुना स्कूल’ में हिन्दू लड़कियों को हिजाब पहनने के लिए विवश किए जाने की घटना सामने आई थी। तहकीकात हुई तो पता चला कि विद्यालय की प्रिंसिपल सहित 3 अध्यापिकाओं ने भी इस्लामी धर्मांतरण कर रखा है। साथ ही जिले के कलक्टर पर भी विद्यालय से मिलीभगत के आरोप लगे। DEO पर आक्रोशित लोगों के स्याही फेंकी। अब विद्यालय के समर्थन में एक बड़े जुलूस के निकाले जाने का षड्यंत्र सामने आया है।
‘राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR)’ के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा, “मध्य प्रदेश के दमोह में बच्चों का इस्लाम में धर्मांतरण करने के लिए ग्रूमिंग करने वाले विद्यालय के संचालकों द्वारा प्रदेश सरकार पर FIR वापस लेने व धर्मांतरण विरोधी अधिनियम के तहत कार्रवाई न करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से जुमे की नमाज़ के पश्चात् एक बड़ा मजहबी जुलूस निकाले जाने की खबर प्राप्त हो रही है।” उन्होंने बताया कि खबर प्राप्त हुई है कि हाजी इदरीस बच्चों के अभिभावकों के छद्म आवरण में असामाजिक व अराजक तत्वों का भारी जमावड़ा कर सकता है एवं बच्चों का इस्तेमाल भी कर सकता है। उन्होंने बताया कि प्रशासन को खबर दी जा रही है। बता दें कि हाजी इदरीस उक्त विद्यालय का संचालक है।
प्रशासन इतनी सुषुप्त अवस्था में था कि विद्यालय में वर्षों से कट्टर इस्लामी खेल चल रहा था मगर अफसरों ने कार्रवाई तो दूर, इसका प्रयास तक नहीं किया। दमोह के ‘गंगा जमुना हाई सेकेंडरी स्कूल’ की NIA से जाँच कराने के लिए बीजेपी नेता सुरेंद्र शर्मा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है। विद्यालय के 1200 बच्चों को अन्य विद्यालयों में शिफ्ट करने की योजना सरकार ने बनाई है। विद्यालय में भारत के नक़्शे से छेड़छाड़ की बात भी सामने आई है। बच्चों को प्रार्थना की जगह नमाज और दुआ पढ़ने को विवश किया जाता था। प्रदेश सरकार गंभीर हुई, तब जाकर इस मामले की तहकीकात आरम्भ हुई।
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