नई दिल्ली : अर्थव्यवस्था में जारी मंदी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल सोमवार को आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन कर दिया. इस परिषद् में जाने-माने अर्थशास्त्रियों को शामिल किया गया है. नीति आयोग के सदस्य डॉ. बिबेक देबराय को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. नीति आयोग के सदस्य सचिव रतन वाटल को परिषद का प्रधान सलाहकार नियुक्त किया गया है. इसके अलावा अंशकालिक सदस्य के रूप में डॉ. सुरजीत भल्ला, डॉ. रथिन रॉय और डॉ. आशिमा गोयल को शामिल किया गया है.
उल्लेखनीय है कि नव गठित आर्थिक परिषद प्रधानमंत्री को विभिन्न आर्थिक मामलों में सलाह देगी. परिषद प्रधानमंत्री द्वारा सौंपे गये आर्थिक या अन्य संबंधित मुद्दों का विश्लेषण कर उन्हें परामर्श देगी .इसके अलावा वृहद आर्थिक महत्व के मुद्दों का समाधान पेश कर अपने विचार से प्रधानमंत्री को अवगत कराने की जिम्मेदारी रहेगी.
आपको बता दें कि चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 5.7 प्रतिशत पर पहुँच गई है ,जो तीन साल का न्यूनतम स्तर है. हालाँकि इससे पहले भी लगातार छह तिमाहियों में आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट रही थी . वहीं औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर भी जुलाई में घटकर 1.2 प्रतिशत पर आ गई जो जून में 5.4 प्रतिशत थी. गिरावट के इस दौर में यह नई परिषद कैसे बाजार को मंदी से उबारेगी यह देखना बाकी है.
यह भी देखें
IT के छापे से CCD की ब्लैकमनी का हुआ खुलासा
रावण के पुतलों पर भी पड़ी जीएसटी की मार