नई दिल्ली: प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए प्रतिवर्ष 26 नवंबर का दिन बहुत ही खास होता है। दरअसल यही वह दिन है जब देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप से अपना लिया था। यह संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का अनुभव करवाता है। जहां संविधान के दिए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारे सारे अधिकार दिलाता है, वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य में हमें हमारी जिम्मेदारियों को भी समझाता है। प्रतिवर्ष 26 नवंबर का दिन देश में संविधान दिवस के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है। 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है। हालांकि इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था।
कब और क्यों लिया गया संविधान दिवस मनाने का फैसला: वर्ष 2015 में संविधान के निर्माता डॉ. आंबेडकर के 125वीं जन्मदिन के रूप में 26 नवंबर को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इस दिवस को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने के सेंट्रल गवर्नमेंट के निर्णय को अधिसूचित किया था। संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस सेलिब्रेट किया जाता है।
भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। जिसके कई भागों में यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान के संविधान से लिये गये हैं। जिसमे देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों, सरकार की भूमिका, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की शक्तियों का वर्णन किया गया है। विधानपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का क्या काम है, उनकी देश को चलाने में क्या भूमिका है, इन सभी बातों का जिक्र संविधान में है।
कितने दिन में हुआ तैयार:- पूरा संविधान तैयार करने में 2 साल, 11 महीने 18 दिन लगे थे। यह 26 नवंबर, 1949 को पूरा कर लिया गया था। 26 जनवरी, 1950 को भारत गणराज्य का यह संविधान लागू किया गया था।
- संविधान की असली कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से लिखी थी। ये बेहतरीन कैलीग्राफी के द्वारा इटैलिक अक्षरों में लिखी गई है। जिसके हर पन्ने को शांतिनिकेतन के कलाकारों ने सजाया था।
- संविधान की असली प्रतियां हिंदी और इंग्लिश 2 भाषाओं में लिखी है। इन्हें आज भी भारत की संसद में हीलियम भरे डिब्बों में सुरक्षित रखा गया है।
- 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू किया गया था। इस दिन को भारत गणतंत्र दिवस के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है।
- हाथ से लिखे हुए संविधान पर 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे जिसमें 15 महिलाओं के नाम भी मौजूद थे। दो दिन के उपरांत 26 जनवरी से यह संविधान देश में लागू कर दिया गया।
- संविधान 25 भागों, 470 अनुच्छेदों और 12 सूचियों में बंटा भारतीय संविधान किसी विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।
- मूल रूप से भारतीय संविधान में कुल 395 अनुच्छेद (22 भागों में विभाजित) और 8 अनुसूचियाँ थी, किंतु विभिन्न संशोधनों के परिणामस्वरूप वर्तमान में इसमें कुल 470 अनुच्छेद (25 भागों में विभाजित) और 12 अनुसूचियां हैं। संविधान के तीसरे भाग में मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है।
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