शिलांग: पीएम नरेंद्र मोदी रविवार प्रातः मेघालय के दौरे पर पहुंचे। उन्होंने शिलांग में पूर्वोत्तर परिषद के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए। समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू, पूर्वोत्तर के सभी प्रदेशों के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्रियों समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे वक़्त तक सोच रही है कि बॉर्डर एरिया में विकास होगा, कनेक्टिविटी बढ़ेगी तो दुश्मन को लाभ होगा। पहले की सरकार की इसी सोच की वजह से नॉर्थ-ईस्ट सहित देश के कई सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर नहीं हो पाई, मगर आज डंके की चोट पर बॉर्डर पर नई सड़कें, नई टनल, नए पुल, नई रेल लाइन, नए एयर स्ट्रिप बनाने का काम तेजी से चल रहा है। जो सीमावर्ती गांव कभी वीरान हुआ करते थे, हम उन्हें वाइब्रेंट बनाने में जुटे हैं।
इसके चलते प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए नॉर्थ-ईस्ट हमारे बॉर्डर एरिया, आखिरी छोर नहीं बल्कि सुरक्षा और समृद्धि के गेटवे है। राष्ट्र की सुरक्षा भई यहीं से सुनिश्चित होती है तथा दूसरे देशों से व्यापार भी यहीं से होता है। इसलिए एक और अहम योजना है, जिसका लाभ नॉर्थ-ईस्ट के प्रदेशों को होना वाला है। ये योजना है वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज योजना। इसके तहत सीमावर्ती गांवों में बेहतर सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके चलते पीएम नरेंद्र मोदी ने पुरानी सरकारों पर भी खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में जितनी ग्रामीण सड़कें प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनी हैं, वो उससे पहले 20 वर्षों में बनी सड़कों से 7 गुना अधिक हैं। नॉर्थ ईस्ट की युवा शक्ति के लिए डिजिटल कनेक्टिविटी से नए अवसर बनाए जा रहे हैं। इससे सिर्फ कम्युनिकेशन ही नहीं टूरिज्म, टेक्नोलॉजी, शिक्षा, स्वास्थ्य तक हर क्षेत्र में सुविधाएं तथा अवसर बढ़ते हैं। डिजिटल अर्थव्यवस्था का सामर्थ्य भी इससे बढ़ता है। ऑप्टिकल फाइबर की कवरेज चार गुना बढ़ी है, मेघालय में 5 गुना से ज्यादा है।
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