इंदौर: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. इंदौर में कोरोना के मरीजों की संख्या तो कम हुई है, लेकिन मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है. हालांकि कोरोना से हो रही मौतों के मामले में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में बड़े हेरफेर सामने आए हैं.
दरअसल गुरुवार को विभाग ने जीवनदीप कॉलोनी की 62 वर्षीय महिला और मदीना नगर की 55 साल की महिला की मौत बताई है, जबकि इनके सैंपल नंबर 6933 और 5015 की रिपोर्ट 14 और 25 अप्रैल को ही आ गयी थी. अस्पताल में ये दोनों 6 दिन तक भर्ती रहीं, पर सरकारी रिकॉर्ड में मौत दर्ज होने में डेढ़ महीने से ज्यादा का वक्त लग गया है. अब तक ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें मौतों की संख्या देरी से बताई गई है. जून के माह में 97 मौत हुई, इनमें से 34 की मौत अप्रैल या मई में ही हो गयी थी. सारी कवायद डेथ रेट को कम बताने की चलती रही है.
बता दें की अब यह सवाल है कि ऐसी कितनी मौतें हैं, जो रिकॉर्ड में अभी तक नहीं आई है. हालांकि शहर में डेथ रेट 4.48 बना हुआ है. अब संक्रमण दर कम होने लगी है तो मौतों का बैकलॉग क्लियर कर रहे हैं. यही कारण है कि जब मरीजों की संख्या कम थी, तब मौत 4-4 बताते रहे है. इसके अलावा शहर में कोरोना संक्रमितों के मिलने की संख्या लगभग स्थिर हो गई है. आज 34 नए संक्रमित मरीज मिले हैं. इस बीमारी से अब तक शहर में 241 लोगों की मौत हो चुकी है. शुक्रवार रात जारी रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस की वजह से तीन और लोगों की जान चली गई है. आज1406 निगेटिव सैंपल मिले. जबकि स्वस्थ होने पर 63 मरीजों की अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. अब कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 842 हो गई है.
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