पटना: बिहार में बाढ़ से के कारण 10 जिलों की 10 लाख की आबादी घिर गई है. राहत व बचाव काम में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल के अतिरिक्त वायु सेना के हेलीकॉप्टर भेजे गए. लोग जैसे-तैसे सुरक्षित जगह की ओर भेजा गया. इस दौरान तटबंधों का टूटना व नए इलाकों में पानी का भराव जारी है. ताजा हालात की बात करें तो गोपालगंज व पूर्वी चंपारण के बीच दिल्ली को गुवाहाटी व काठमांडू से जोड़ने वाले राष्ट्रीय उच्च पथ पर का डुमरिया घाट पुल दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह से रस्ते को बंद कर दिया गया है. पूर्वी चंपारण के केसरिया में स्थित विश्व प्रसिद्ध बौद्ध स्तूप भी पानी से डूब गया है.
उत्तर बिहार में बाढ़ का कहर जारी: पूर्वी चंपारण में केसरिया का विश्व प्रसिद्ध बौद्ध स्तूप भी पानी से घिर गया है. मेहसी प्रखंड के कई गांवों में भी पानी पहुंच गया. मधुबनी और समस्तीपुर के दर्जनों गांवों में पानी भर गया है. वहीं दरभंगा में हेलीकॉप्टर से राहत कार्य किया जा रहा है. पूर्वी चंपारण और दरभंगा में डीएम ने हेलीकॉप्टर से सर्वे कर रहे है. मोतिहारी, सीतामढ़ी और दरभंगा शहर भी बाढ़ की चपेट में आ चुके है. 3 क्षत्रों के कई मोहल्ले पानी से घिरे हैं. सीतामढ़ी और दरभंगा शहर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की सड़कों पर पानी भर चुका है.
सिधवलिया प्रखंड मुख्यालय पानी में डूबा: गोपालगंज के मांझा के पुरैना के बाद बैकुंठपुर के सोनवलिया, मुंडेरा व मूंजा में भी शनिवार को सारण तटबंध टूटने के कारण क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति और भयानक होती जा रही है. रात में सिधवलिया प्रखंड मुख्यालय में गंडक नदी का पानी भर चुका है. सुबह तक प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र, थाना सहित सभी विभाग पानी में समा गए. पूरे प्रखंड मुख्यालय में बाढ़ का पानी और भी तेजी से बहने लगा है. बुचेया सहित इस प्रखंड के दो दर्जन गांव पानी में डूबे गये हैं. लोग घर छोड़कर पलायन कर रहे हैं. बैकुंठपुर प्रखंड में भी रात में नये क्षत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया. प्रखंड के 3 दर्जन से ज्यादा गांव पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गये हैं.
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