केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए जुलाई में सरकार बड़ी खबर लेकर आए है। इस साल जून में सरकार महगाई भत्ते के रुप में बड़ी रकम प्रदान करने वाले है। कोविड की वजह से सेंट्रल गवर्नंमेंट के कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते पर फिलहाल रोका जा चुका है। यह रोक जून 2021 तक है। गवर्नमेंट ने इस निर्णय का एलान करते कहा था कि वक़्त-वक़्त पर महंगाई भत्ते का एलान होता रहेगा लेकिन यह मूल वेतन में नहीं जोड़ा जाएगा। हालांकि यह स्पष्ट है कि व्यवस्था बहाल होने के उपरांत (महंगाई भत्ते) की सभी 3 किश्तों को CJS के वेतन में जोड़ा जानें वाला है। पीएफ का कैलकुलेशन हमेशा से ही वेतन और महंगाई भत्ते को जोड़कर किया जाता है। इसलिए महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी से पीएफ बैलेंस में भी बढ़ोत्तरी होगी।
यदि केन्द्रीय कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के तहत दिए जा रहे महंगाई भत्ते में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, तो ऐसी स्थिति में केन्द्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में भारी उछाल देखने को मिला है। कोई भी कर्मचारी जून 2021 में 4% महंगाई भत्ते के बढ़ने की उम्मीद कर सकता है। जिसके अतिरिक्त जनवरी से जून 2020 के 3% और जुलाई से दिसंबर तक 4% महंगाई भत्ते को केन्द्रीय कर्मचारियों को जोड़कर मिलने की उम्मीद है। केन्द्र सरकार के मौजूदा का महंगाई भत्ता 17% से 28% होने की उम्मीद है।
महंगाई भत्ते से कैसे होगा पीएफ लाभ: वहीं इस बारें में हम सभी जानते है हमारी सैलरी प्लस महंगाई भत्ते का कुछ हिस्सा प्रोविडेंट फंड में कटता है। अगर महंगाई भत्ता 17% से 28% होता है तो इससे पीएफ काॅन्ट्रीब्यूशन भी बढ़ेगा। लम्बी अवधि में जिसका फ़ायदा लोगों को होगा।
पेंशनर्स को भी लाभ: बीते 1 वर्ष से केन्द्रीय कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनर्स का भी महंगाई भत्ता रुका हुआ है। ऐसे में अगर महंगाई भत्ता बहाल होता है तो 58 लाख पेंशनर्स को इसका फायदा होगा। सेन्ट्रल गवर्नमेंट के रिटायर्ड कर्मचारी को भी महंगाई भत्ते का लाभ मिलता है ताकि बढ़ती महंगाई का असर उनकी जेब पर ना पड़े।
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