नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में ब्रिटिश मीडिया एजेंसी BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने के लिए 8 छात्रों के खिलाफ सजा की अनुशंसा की गई है। बता दें कि, 28 जनवरी को दिल्ली यूनिवर्सिटी ने इस मामले में एक कमेटी का गठन किया था, जिसने जांच पूरी करने के बाद 8 छात्रों के खिलाफ सजा की सिफारिश की है। BBC ने अपनी इस डॉक्यूमेंट्री में गोधरा कांड का पूरा दोष गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी पर मढ़ने की कोशिश की थी, जबकि भारतीय सुप्रीम कोर्ट पूरी जांच करने के बाद इस मामले में पीएम मोदी को क्लीन चिट दे चुकी है। कमेटी ने 2 छात्रों के लिए बड़ी सजा और बाकी के लिए छोटी सजा की अनुशंसा की है।
27 जनवरी को दिल्ली यूनिवर्सिटी में कांग्रेस के स्टूडेंट विंग, नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) और भीम आर्मी स्टूडेंट फेडरेशन (BASF) जैसे छात्र संगठनों ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग आयोजित की थी। दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रॉक्टर रजनी एब्बी कमेटी की प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि, 'एक समिति के रूप में हमने 8 छात्रों के लिए सजा की अनुशंसा की थी। 2 के लिए बड़ी सजा और 6 के लिए छोटी सजा। किन्तु अंतिम फैसला यूनिवर्सिटी द्वारा लिया गया है। बता दें कि, इन सभी छात्रों को FIR में नामित किया गया था और स्क्रीनिंग के दौरान उन्हें हिरासत में भी लिया गया था। सभी को प्रॉक्टर ऑफिस द्वारा भी बुलाया गया।
स्क्रीनिंग का आयोजन करने में हिस्सा लेने के चलते दो छात्रों को एक साल के लिए यूनिवर्सिटी की सभी गतिविधियों से प्रतिबंधित कर दिया गया था। इनमें मानव विज्ञान विभाग में PHD स्कॉलर और NSUI के नेता लोकेश चुघ शामिल भी हैं। चुघ ने कहा कि, 'DU का कहना है कि मैंने एक प्रतिबंधित वीडियो दिखाया है। यह वीडियो भारत सरकार द्वारा ब्लॉक नहीं किया गया था, इसे IT मंत्रालय द्वारा ब्लॉक किया गया है, मैं NSUI के मीडिया को हैंडल करता हूं। मुझे मीडिया द्वारा BBC डॉक्यूमेंट्री पर NSUI के विचारों को विरोध के तौर पर रखने के लिए बुलाया गया था। मैं विरोध में शामिल नहीं था। मुझे दिल्ली पुलिस ने हिरासत में नहीं लिया, न ही FIR में मेरा नाम है।'
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