नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का विरोध देश के कई हिस्सों में जबरदस्त तरीके से जारी है। लोग सड़को पर उतर कर विभिन्न तरीकों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के मुजफ़्फ़रनगर में पोस्टर के माध्यम से आंदोलन बढ़ाया जा रहा है, ये कहना है यूपी पुलिस का। किन्तु हंगामे की वजह यह नहीं है। दरअसल पुलिस ने पोस्टर लगाने के संदेह में एक पकौड़े बेचने वाले को गिरफ्तार किया है, यह व्यक्ति बेहद ग़रीब और बुज़ुर्ग है। जिसके बाद इस बात को लेकर चर्चा चरम पर है कि पुलिस कार्रवाई के नाम पर गरीब और लाचार लोगों को परेशान क्यों कर रही है?
पुलिसिया कार्रवाई से पहले जानते हैं कि विवाद की शुरुआत कहां से हुई थी। मुजफ़्फ़रनगर के थाना सिविल लाइन क्षेत्र के मुस्लिम बहुल मदीना चौक पर अज्ञात लोगों ने CAA और NRC की खिलाफत में कुछ भड़काऊ पोस्टर्स लगाए हैं। पोस्टर में लिखा गया है कि यदि इस भयानक क़ानून की मुख़ालफ़त नहीं की गई तो आने वाली नस्लें जीते जी मर जाएंगी। ज़ाहिर है पोस्टर भड़काऊ है समाज को विभाजित करने वाला है तो पुलिस कार्रवई करेगी ही।
पुलिस ने किया भी कुछ ऐसा ही। पुलिस मौक़े पर पहुंची और पोस्टर्स को हटा दिया, किन्तु उन्होंने आगे जो भी किया लोग उस बात से हैरान हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस को अपनी कार्रवाई आगे बढ़ाने के नाम पर ग़रीब-मज़लूम लोगों को तकलीफ नहीं पंहुचाना चाहिए। आपको बता दें कि गिरफ्तार किए गए शख्स का कहना है कि मैं तो वहां केवल ठेला लगाता हूँ, पोस्टर मैंने नहीं लगाया, लेकिन पुलिस ने मुझे पकड़ लिया।
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