कोच्चि: मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, जिनके पास गृह मंत्रालय का प्रभार भी है, की देखरेख में केरल पुलिस ने तिरुवनंतपुरम में अभिनेता और भाजपा नेता कृष्णकुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह मामला तिरुवनंतपुरम के पलायम शहीद स्तंभ पर आयोजित शांति मार्च से उपजा है, जिसमें रेव बिशप डॉ. मोबिल मैथ्यू कुन्नमपिल्ली, अभिनेता जोस, ब्रदर-इन-चर्च प्रतिनिधि गिल्बर, वाईएमसीए के पूर्व अध्यक्ष कोशी एम. जॉर्ज, जैसी प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं। इसी में चर्च के ऑक्जिलरी फॉर सोशल एक्शन (CASA) के सचिव अनीश त्यागराजन, भाजपा क्षेत्र अध्यक्ष सनल और सामाजिक कार्यकर्ता वीटी चेरियन भी शामिल हुए थे।
कृष्णकुमार के खिलाफ आरोप कार्यक्रम के दौरान इज़राइल के साथ एकजुटता की उनकी अभिव्यक्ति से संबंधित हैं, जिसने केरल में राजनीतिक और धार्मिक गतिशीलता में जटिलता की एक परत जोड़ दी है। यह मामला धार्मिक समारोहों के संदर्भ में राजनीतिक अभिव्यक्ति की सीमाओं पर सवाल उठाता है। आरोपों में गैरकानूनी सभा, उकसाना, सड़क अवरुद्ध करना और खतरा पैदा करना शामिल है। इस मामले में मोबिन मैथ्यू कुन्नमपल्ली और 58 अन्य भी शामिल हैं, हालांकि केवल इन दो नामों को ही दर्ज किया गया है।
कृष्णकुमार ने कहा कि उन्होंने कार्यक्रम के लिए पूर्व अनुमति ली थी, जहां लगभग 100 लोगों ने शांतिपूर्वक मोमबत्तियां जलाईं और एक सर्कल इंस्पेक्टर सहित लगभग 10 पुलिसकर्मियों की उपस्थिति में प्रार्थना की। उन्होंने सवाल किया कि इजराइल में आतंकी हमलों के खिलाफ एक कार्यक्रम को हिंसा के आह्वान के रूप में कैसे समझा जा सकता है। राजनीतिक पर्यवेक्षक कृष्णकुमार के खिलाफ मामले को अल्पसंख्यक वोट बैंक का पक्ष लेने के प्रयास के रूप में देखते हैं। कृष्णकुमार ने शशि थरूर और सांसद कांग्रेस नेता राजमोहन उन्नीथन जैसे अन्य नेताओं के खिलाफ मामलों की कमी पर प्रकाश डाला, जिन्होंने विभिन्न रैलियों में उत्तेजक बयान दिए। मामला आईपीसी की धारा 143, 147, 149 और 243 के तहत दर्ज किया गया है। कृष्णकुमार ऐसे मामलों में असमान व्यवहार पर जोर देते हुए इन आरोपों के चयनात्मक आवेदन पर सवाल उठाते हैं।
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