बैंगलोर: कर्नाटक चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस तुष्टिकरण की दिशा में बढ़ती नज़र आ रही है। दरअसल, राज्य की सत्ता पर काबिज हुए कांग्रेस को अभी एक महीना ही हुआ है कि उसने पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा पास किए गए धर्मांतरण के कानून को निरस्त करने का मन बना लिया है। यहाँ तक कि, सिद्धारमैया कैबिनेट ने भी इस पर अपनी मुहर भी लगा दी है। अब जल्द ही इस संबंध में विधेयक को विधानसभा के पटल पर रखने की तैयारी की जा रही है।
बता दें कि, भाजपा द्वारा लाए गए इस बिल का मुख्य फोकस धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण करना था और साथ ही गलत बयानी, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन के द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में अवैध धर्मांतरण पर अंकुश लगाना था। लेकिन, अब कांग्रेस इस कानून को रद्द करने जा रही है, यानी कर्नाटक में अब धर्मान्तरण को फिर से बढ़ावा मिलेगा और इसके अधिकतर शिकार हिन्दू ही होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि, देशभर के विभिन्न हिस्सों से कई तरह के झांसे, प्रलोभन, या डरा-धमकाकर लोगों का धर्मान्तरण कराए जाने की ख़बरें आ रहीं हैं, यहाँ तक कि, मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेलने के समय भी नाबालिग बच्चों को धर्मान्तरण के लिए उकसाया जा रहा है, ये कानून उसी पर रोक लगाता था, जिसे कांग्रेस सरकार ने निरस्त कर दिया है।
इसको लेकर राज्य के भाजपा नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने आशंका भी जाहिर कर दी है। पूर्व शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि, 'ये लोग (कांग्रेस) मुसलमानों के वोट चाहते हैं। सिद्धारमैया की सरकार हिंदुओं के खिलाफ है। ये लोग तो हिजाब को वापस लागू करा सकते हैं। ये लोग अल्पसंख्यकों को वोट प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं और सब चीजों को राजनीति से जोड़ देते हैं।' बता दें कि, धर्मान्तरण विरोधी कानून हटने के बाद अब चर्चा है कि कांग्रेस सरकार गोहत्या निरोधक कानून भी हटा सकती है। बीते दिनों कांग्रेस सरकार के पशुपालन मंत्री वेंकटेश ने यहां तक कह दिया था कि अगर भैंसों को काटा जा सकता है तो फिर गायों को क्यों नहीं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि, कर्नाटक सरकार गौहत्या को भी अपराध की श्रेणी से हटा सकती है, जिससे लोगों को गाय काटने की छूट मिल जाएगी, जैसे अभी धर्मांतरण की मिली है।
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