नई दिल्ली: इजरायल की एक स्टडी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कोरोना वायरस इसकी वैक्सीन लगवाने वालों पर ज्यादा हमला कर रहा है। यह कोरोना का दक्षिण अफ्रीकी वेरियंट है, जो अधिक घातक बन चुका है। इस रिपोर्ट के अनुसार, जिन लोगों ने वैक्सीन की खुराक ले ली है, उन्हें कोरोना वायरस के दक्षिण अफ्रीकी वेरियंट से संक्रमण का खतरा उन लोगों के मुकाबले आठ गुना हो सकता है, जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली है। इस दावे ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है।
हालांकि भारतीय डॉक्टर्स का कहना है कि इजरायली रिसर्च में उन्हीं लोगों को शामिल किया गया था जिन्होंने वैक्सीन लगवा लिए थे। फिर उनकी तुलना वैसे संक्रमित लोगों से की जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली थी। स्टडी में शामिल संक्रमितों में से अधिकतर कोरोना वायरस के यूके वेरियेंट B.1.1.7 की गिरफ्त में आए थे, जबकि साउथ अफ्रीकन वेरियेंट B1.351 की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या कम थी। जिन लोगों को पहली डोज लिए दो सप्ताह हो गए थे या फिर जिन्हें दूसरी खुराक लिए एक हफ्ता से कम हुआ था, उनमें यूके वेरियंट का कम असर दिखा। किन्तु, जिन लोगों को दूसरी डोज लिए एक सप्ताह हो गया था, उनमें वैक्सीन नहीं लेने वालों के मुकाबले साउथ अफ्रीकन वेरियेंट का असर अधिक दिखा।
इस स्टडी के अनुसार, दक्षिण अफ्रीकी वेरियंट से वैक्सीन लगा चुके 8 लोग संक्रमित पाए गए, तो टीका नहीं लगाने वाला एक शख्स ही इस वेरियेंट की गिरफ्त में मिला। इससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि वैक्सीन का साउथ अफ्रीकी वेरियेंट B1.351 पर असर नहीं पड़ रहा है, किन्तु सच्चाई यह है कि 14 दिन पहले वैक्सीन की दूसरी डोज लेने वाले किसी भी व्यक्ति में इस वेरियेंट का संक्रमण नहीं पाया गया।
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