इन राज्यों में बेकाबू हुआ कोरोना, लगेगा लॉकडाउन

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नई दिल्ली: कोरोना फिर से डराने लगा है। बीते 24 घंटे के भीतर भारत में 56 मरीजों ने कोरोना वायरस के चलते जान गंवाई है। 2380 लोग इसकी चपेट में आए हैं। देश के 9 प्रदेशों के 36 जिलों में स्थिति अनियंत्रित हैं। यहां सकारात्मकता दर 5 प्रतिशत से भी अधिक है। यानी कोरोना की जांच कराने वाले प्रत्येक 100 मरीजों में पांच या इससे अधिक संक्रमित पाए जा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या एक बार फिर से प्रतिबंध बढ़ सकते हैं? आइए जानते हैं...

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी वीकली रिपोर्ट जारी की है। इसमें देश के सभी शहरों में कोरोना के सकारात्मकता दर के बारे में बताया गया है। ये आंकड़े 13 से 19 अप्रैल तक के हैं। इसके मुताबिक, देश के 9 प्रदेशों में 36 जिले ऐसे हैं, जहां संक्रमण की दर पांच फीसदी से ज्यादा हो गई है। सबसे अधिक केरल के 14 जिलों में वायरस तेजी से फैल रहा है। यहां सकारात्मकता दर 14 प्रतिशत से 31.64 प्रतिशत तक है। दूसरे नंबर पर मिजोरम के आठ जिले सम्मिलित हैं। यहां 7 शहरों में सकारात्मकता दर 10 प्रतिशत से अधिक है, जबकि एक में 6.87 प्रतिशत है। इसके अतिरिक्त मणिपुर के दो, मेघालय के दो तथा अरुणाचल प्रदेश का एक जिला सम्मिलित है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में अभी 13 हजार 433 सक्रीय मामले हैं। यानी, इन मरीजों का उपचार चल रहा है। रिकवरी रेट मतलब रोगियों के ठीक होने की दर 98.76 प्रतिशत है। मतलब हर 100 मरीज में 98.76 लोग ठीक हो रहे हैं। अब अगर डेली सकारात्मकता दर मतलब हर रोज मिल रहे मरीजों का आंकड़ा देखें तो यह 0.53 प्रतिशत है। बुधवार को देशभर में 4.49 लाख लोगों का टेस्ट हुआ था तथा इनमें 0.53 प्रतिशत लोग संक्रमित पाए गए। वहीं, साप्ताहिक सकारात्मकता दर 0.43 प्रतिशत है। 

हालांकि, लॉकडाउन को लेकर केंद्र स्तर से कोई साल दिशा-निर्देश नहीं है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के सीनियर एक्सपर्ट डॉ. रजनीकांत कहते हैं, 'लॉकडाउन सबसे आखिरी विकल्प होता है। यह उस हालात में लगाया जाता है जब लगता है कि अब बिना इसके वायरस को नहीं रोका जा सकता है।' डॉ. रजनीकांत के अनुसार, 'केंद्र सरकार की ओर से अब कोई लॉकडाउन नहीं लगाया जा सकता है। आरम्भ में इसलिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन लगाया था, क्योंकि उस समय हमारे पास टेस्टिंग, हॉस्पिटल बेड, वैक्सीन व कोरोना से लड़ने के लिए अन्य संसाधन नहीं थे। आज सबकुछ अपने पास है। अधिक से अधिक आबादी को वैक्सीन लग चुकी है। बच्चों में भी टीकाकरण की प्रक्रिया तेज हो चुकी है।' प्रदेश एवं जिलों में लॉकडाउन के सवाल पर डॉ. रजनीकांत ने कहा, 'यह राज्य सरकार और जिले के अधिकारी को तय करना है कि यदि उनके यहां कोरोना का सकारात्मकता दर बढ़ रहा है तो उसे कैसे रोका जाए? इसके लिए उनके पास कई विकल्प होते हैं। मसलन वह कैंटेनमेंट जोन बना सकते हैं। नाइट कर्फ्यू जैसी अन्य पाबंदी लगा सकते हैं। यदि इसके बाद भी मामले नहीं रुक रहे हों तो जिला स्तर पर लॉकडाउन लगाने का निर्णय भी ले सकते हैं।'

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