नई दिल्ली: हर दिन बढ़ता जा रहा कोरोना का कहर अब नहीं थमने वाला क्यूंकि जब तक हर एक इंसान इस बात को पूरी तरह से नहीं समझ जाता तब तक इस वायरस के निजात नहीं पाया जा सकता. वहीं हर दिन लोगों में बढ़ती जा रही लापरवाही लोगों की मौत का कारण भी बनती जा रही है. और अब भी लोग संभलने का नाम नहीं ले रहे है. हर तरफ गंदगी और कोई सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है.
निजामुद्दीन स्थित मरकज में आए लोगों से देशभर में कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका है. अंडमान निकोबार का पहला कोरोना संक्रमित दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज से गया था और कई राज्यों में आठ जगह ठहरा था. अंडमान निकोबार पुलिस से सूचना मिलने के बाद यह खुलासा हुआ था कि मरकज में 1500 से ज्यादा लोग हैं और इनमें काफी कोरोना से संक्रमित हैं. यहां के लोगों के बीमार होने की बात छिपाई गई थी. दिल्ली पुलिस को इसके पुख्ता सबूत मिले हैं कि मरकज में आए लोग यहां से यूपी, गुजरात, तेलांगाना व तमिलनाडु जमात के लिए गए थे. दिल्ली के जाकिर नगर व पुल प्रह्लादपुर भी लोग गए थे. इससे दक्षिण दिल्ली में हड़कंप मचा है. गृह मंत्रालय के आदेश के बाद यह जानकारी जुटाई जा रही है कि जमात में आए लोग देश में कहा-कहां गए. विदेशियों के आने की वजह से मरकज में कोरोना फैला था.
मरकज से गया था कोरोना का मरीज: दक्षिण-पूर्व जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अंडमान निकोबार का पहला कोरोना संक्रमित 21 व 22 मार्च या उससे पहले मरकज में ठहरा था. वह दिल्ली समेत देश में आठ जगहों पर ठहरा था. इसके बाद दिल्ली पुलिस अलर्ट हुई थी. निजामुद्दीन थाना पुलिस ने मरकज के आयोजकों को बुलाया था और सामाजिक दूरी बनाने के लिए कहा था. पुलिस के पास इस बैठक की वीडियो है. इसके बाद दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रशासन, डीएम व एसडीएम को जानकारी दी थी. पुलिस का कहना है कि एसडीएम ने शुरू में फोन नहीं उठाया था. 25 मार्च को यहां डब्ल्यूएचओ की टीम आई थी और क्वारंटीन करने की बात कहकर चली गई थी.
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