कोरोना वायरस से देश की जनता को बचाने के लिए सरकार ने एक तरफ जहां खजाना खोल लिया है, वहीं खजाने में आने वाली राशि पर बुरी नजर लग गई है. डायरेक्ट टैक्स और जीएसटी दोनों ही टैक्स कलेक्शन में सिर्फ चालू वित्त वर्ष ही नहीं, अगले वित्त वर्ष में भी गिरावट की आशंका है. चालू वित्त वर्ष 2019-20 में जीएसटी कलेक्शन में संशोधित लक्ष्य के मुकाबले 5 फीसद तक की गिरावट रह सकती है.
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इसके मामले को लेकर वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ो के मुताबिक इस साल 29 फरवरी तक जीएसटी कर का वास्तविक संग्रह 8.75 लाख करोड़ था जो कि संशोधित अनुमानित लक्ष्य से 1.11 लाख करोड़ कम है. अप्रत्यक्ष कर संग्रह का संशोधित अनुमानित लक्ष्य 9.86 लाख करोड़ है. टैक्स विशेषज्ञों के मुताबिक टैक्स कलेक्शन के रुख को देखते हुए अगर सरकार मार्च महीने में कुल लक्ष्य का 12 फीसद वसूलने में कामयाब हो जाती है तो भी लक्ष्य के मुकाबले 6000 करोड़ की गिरावट रह सकती है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे वित मंत्री की तरफ से राज्य सभा को दी गई जानकारी के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2019-20 के 10 मार्च तक डायरेक्ट टैक्स का कुल कलेक्शन 8.63 लाख करोड़ रुपए था जो कि चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानित लक्ष्य 11.70 लाख करोड़ से 3.06 करोड़ कम था. पहले यह लक्ष्य 13.35 लाख करोड़ रुपए का था जिसे एक फरवरी को पेश बजट में संशोधित किया गया. हालांकि टैक्स विशेषज्ञों का मानना है कि अंतिम 15-20 दिनों में टैक्स कलेक्शन में तेजी आती है फिर भी संशोधित लक्ष्य को हासिल करना मुमकिन नहीं दिख रहा है. एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. एस.के. घोष के अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 1.2 लाख करोड़ (लगभग 10 फीसद) की कमी रह सकती है.
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