कोरोना के नए वेरियंट ओमीक्रॉन (Corona Omicron Variant) ने लोगों के बीच खौफ पैदा कर दिया है। इसी के साथ ही इसे देखते हुए तीसरी लहर की आशंका भी जताई जा रही है। आप सभी को बता दें कि इन सभी के बीच कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले गुजरात के डॉक्टरों का कहना है कि नए वेरियंट का इलाज संभव है और इसका इलाज बाकि वेरियंट की तरह ही है। वहीं जिन डॉक्टरों ने पहले भी कोरोना के मरीजों का इलाज किया है उनका कहना है कि नए ओमिक्रॉन वेरियंट से घबराने की जरूरत नहीं है, बस सावधानी बरतने की जरूरत है। आपको बता दें कि गुजरात में कोरोना के ओमीक्रॉन वेरियंट का पहला मामला 13 दिसंबर 2021 को सामने आया था।
जी दरअसल यहां राछा निवासी 42 वर्षीय युवक पॉजिटिव मिला था हालाँकि वह चार दिन (96 घंटे) में ठीक भी हो गया था। बताया जा रहा है इस मरीज का इलाज शहर के यूनिटी अस्पताल के डॉ. मिलन जियाणी ने किया था। एक मशहूर वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक डॉक्टरों का कहना है कि हाल ही में एक दवाई मिली है, लेकिन अभी उस पर रिसर्च चल रहा है। उन्होंने कहा मोनोक्लोनल एंटीबॉडी नामक दवा है, जो शरीर में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार करेगा और मरीज को गंभीर होने से रोकेगा। साथ ही जल्द ठीक करने में मदद करेगा। इसके अलावा डॉक्टरों का यह भी कहना है कि अभी तक इसके अच्छे परिणाम मिले हैं। दूसरी तरफ कुछ सरकारी अस्पतालों में यह दवा दी भी जाने लगी है।
ऐसा कहा जा रहा है मरीज के लक्षण और उसके कंडीशन के आधार पर डॉक्टर इस दवा को दे सकते हैं। वहीं डॉक्टरों का यह भी कहना है कि यह दवा कारगर साबित हो सकती है। दूसरी तरफ ओमीक्रॉन के पहले मरीज का इलाज करने वाले डॉ. मिलन जियाणी ने कहा है कि, 'ओमीक्रॉन का पहला केस जो मैंने देखा था उसमें मरीज को कोई लक्षण नहीं था। गले में खराश और दर्द था। उसे कोई एंटीबॉयोटिक नहीं दी गई थी। विटामिन-सी और डी के साथ एक या दो बार पैरासिटामॉल दिया गया था। उसने दोने डोज लिए थे। शायद इसलिए संक्रमण अधिक नहीं था।'
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