कोविड-19 पॉज़िटिव मरीज़ों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक कई तरीक़े अपनाए जा रहे हैं. इसी शृंखला में अब इंडियन गवर्नमेंट ने सैन्य कुत्तों को मरीज़ों का पता लगाने के लिए ट्रेन करना शुरू कर दिया है. जंहा कैस्पर, जया और मणि, पेशाब और पसीने के नमूनों से कोविड पॉज़िटिव मरीज़ों का पता लगाने वाले भारत के पहले ऐसे सैन्य 3 कुत्ते बन गए हैं. सेना ऐसे 7 और कुत्तों को प्रशिक्षित कर रही है.
मिली जानकारी के अनुसार इन तीनों कुत्तों में कैस्पर और जया को पूरी ट्रेनिंग दी जा रही थी. मणि अभी भी सीख रही है. ये 3 बीते वर्ष सितंबर से इस की ट्रेनिंग ले रहे हैं. वहीं इस बात का पता चला है कि कई देश कैंसर, पार्किंसंस और मधुमेह जैसी बीमारियों का पता लगाने के लिए कुत्तों का इस्तेमाल करते हैं. भारत में, यह पहली बार है जब हमने किसी बीमारी का पता लगाने के लिए कुत्तों का उपयोग किया जा रहा है. हम वास्तव में इसमें आशा देखते हैं. हमें अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं.
अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने आगे कहा कि हमने सितंबर में इन कुत्तों को प्रशिक्षित करना शुरू किया, और अब वे विशेषज्ञ बन गए हैं. चंद सेकंड के भीतर, वे संक्रमण का पता लगा सकते हैं. इन कुत्तों को एक कंटेनर में रखे एक पॉजिटिव नमूने के बगल में बैठने के लिए प्रशिक्षित किया गया है, यदि वह नकारात्मक होता है तो आगे बढ़ जाते हैं. जया और कैस्पर ने दिल्ली ट्रांजिट कैंप में 806 सैंपल और चंडीगढ़ ट्रांजिट कैंप में लगभग 3,000 सैंपल से कोरोना वायरस के 22 पॉज़िटिव मामले निकाले हैं.यूके, फ़िनलैंड, रूस, फ़्रांस, यूएई, जर्मनी, लेबनान जैसे कई देशों ने पहले ही हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की कोरोनावायरस स्क्रीनिंग के लिए कुत्तों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.
10वीं और 12वीं पास के लिए भारतीय वायुसेना में नौकरी पाने का शानदार मौका, जल्द करें आवेदन
बर्फ की चादर में लिपटा जम्मू, हवाई और रेल सेवाएं हुई प्रभावित
यूपी पुलिस के साथ मुठभेड़ में 25 हज़ार का इनामी बदमाश गिरफ्तार, वारदात के बाद मस्जिद में छिप जाता था