देशभर में कोरोना के लगातार मामले बढ़ते जा रहे है, वहीं इसी बीच कोरोना महामारी को लेकर भारत सरकार की नई गाइडलाइन आई है कि बिना लक्षण वाले पॉजिटिव मरीजों को अस्पताल में रखने के बजाय होम आइसोलेशन ही किया जा सकेगा. इस श्रेणी में वे लोग ही आ सकेंगे जिनका घर बड़ा हो, अलग कमरा, अलग शौचालय व बाथरूम का इंतजाम हो. इंदौर ने सरकार की इस गाइडलाइन पर काम भी शुरू कर दिया है. ऐसे 10 मरीजों को होम आइसोलेशन के लिए चिन्हित भी कर लिया गया है. घर में इन पर निगरानी के लिए एप भी बना लिया गया है. एप के द्वारा मरीज की लोकेशन पता की जाती रहेगी. मरीज पर 24 घंटे निगरानी रहेगी.
बता दें की नई गाइडलाइन बिना लक्षण वाले उन कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए फायदेमंद होगी जिनका बड़ा घर है और जो अनुशासित रहकर होम आइसोलेशन के नियमों का पालन कर सकते हैं. ऐसे लोगों को अस्पताल में नहीं रहना पड़ेगा. कलेक्टर मनीष सिंह ने इस बारें में बताया कि सरकार की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए हमने एप बनवा लिया है. एप के जरिए ही इन मरीजों की 24 घंटे निगरानी हमारी टीम करेगी. यह सुविधा पुराने मरीजों को नहीं मिलेगी. वे जहां हैं, वहीं रहेंगे. बिना लक्षण वाले जो नए मरीज आ रहे हैं, उन्हें ही होम आइसोलेशन में रखा जाएगा. इस कैटेगरी में आने वाले 10 लोगों की जानकारी एप पर आ जाएगी. बुधवार से यह एप काम करना शुरू कर देगा.
जानकारी के लिए बता दें की पूरी दुनिया में कोरोना से संक्रमित 80 फीसदी मरीजों में बहुत सामान्य लक्षण दिखते हैं और वे सामान्य देखभाल से ही ठीक हो जाते हैं. बाकी 20 फीसदी मरीजों में से भी केवल पांच फीसदी की स्थिति गंभीर होती है. इन्हें इलाज के दौरान आइसीयू में वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है, जबकि 15 फीसदी को कभी-कभी ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ती है. सांस लेने में तकलीफ, सीने में लगातार दर्द या दबाव, भ्रम का शिकार होना, होंठ या चेहरे पर नीलापन आने पर मरीज की हालत गंभीर मानी जाएगी.
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