नीम की पत्ती से युवक को हुआ कोरोना, जानें क्या है पूरा मामला?

नीम की पत्ती से युवक को हुआ कोरोना, जानें क्या है पूरा मामला?
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भोपाल: मध्य प्रदेश में इंदौर के बाद भोपाल में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले मिल रहे है. हाल ही शहर में कोरोना का एक ऐसा मामला देखने को मिला, जो की हैरान कर देने वाला है. नीम के पेड़ को हर मर्ज की दवा माना जाता है, लेकिन नीम के पत्तों से भी कोरोना का संक्रमण फैल सकता है? यह सुनने में भले ही अटपटा सा लग सकता है, पर ऐसा ही एक मामला सामने आया है. लॉकडाउन के दौरान घर से बाहर ही नहीं निकले एक व्यक्ति जांच में कोरोना संक्रमित पाया गया. पुलिस ने उसकी करीब डेढ़ घंटे काउंसलिंग की. अंततः याददाश्त पर भारी जोर डालने के बाद उसने बताया कि मकान की ऊपरी मंजिल पर रहने वाले युवक से उसने नीम की पत्ती मांगी थी. युवक ने छत से हाथ बढ़ाकर नीम की छोटी डालियां ऊपर से फेंकी थी, जिसे उसने हाथों पर झेला था. दो दिन बाद पता चला कि युवक की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई.

इस बारें में क्राइम ब्रांच एएसपी निश्चल झारिया ने बताया कि करोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए 9 अप्रैल को जिम्मेदारी सौंपी गई थी. अहम काम कोरोना के मरीज के प्रथम संपर्क में आए संदिग्ध मरीजों की तलाश का है. अभी तक 2036 मरीजों के संपर्क में आए 22 हजार 396 लोगों को तलाश कर उन्हें जांच के लिए भेजा जा चुका है. डीएसपी अदिति भावसार के नेतृत्व में चार टीम 24 घंटे कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए लगी हुई हैं.

इस सबंध में डीएसपी भावसार ने बताया कि लॉकडाउन में मरीज के प्रथम संपर्क में आए लोग अक्सर घर पर ही मिल जाते थे. उनकी संख्या भी सीमित होती थी. लॉकडाउन खुलने के बाद मरीजों के संपर्क में आए लोगों की संख्या भी 2 से 3 गुना तक बढ़ गई है. इसके अलावा उन्हें शहर के अलावा आसपास के जिलों से तलाश करना पड़ रहा है. कई बार तो लोग प्रथम संपर्क में आए लोगों के बारे में मरीज बता ही पाता. लॉकडाउन में रहे एक व्यक्ति में कोरोना के लक्षण मिले. उसके घर से कहीं भी जाने के कोई प्रमाण भी नहीं मिले. काफी पूछताछ के बाद पता चला कि उसके घर के ऊपर की मंजिल पर रहने वाले युवक से उसने नीम की पत्तियां ली थीं. पत्तियां लेने के दो दिन बाद उसे युवक की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. इस बारें में उन्होंने आगे बताया कि संदिग्ध मरीजों की तलाश में मोबाइल फोन की कॉल डिटेल,डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है. मोबाइल नंबर नहीं मिलने की स्थिति में संदिग्ध व्यक्ति के पड़ोसी,उसके दोस्त,पास की दुकान,मिल्क पार्लर आदि पर जाकर पूछताछ की जाती है. पूछा जाता है कि वह उनके संपर्क में तो नहीं आया था.

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