महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में मंदिर खुल चुके हैं। ऐसे में अब भी भाजापा (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) के बीच विवाद कम नहीं हो रहा है। इस समय महाराष्ट्र में मंदिर खोले जाने का पूरा श्रेय बीजेपी को मिल रहा है। वहीँ BJP भी इस बात से इंकार नहीं कर रही है। वहीं शिवसेना का यह कहना पड़ रहा है मंदिर खोलने का निर्णय महाराष्ट्र सरकार का है और उसने किसी के दवाब में ये फैसला नहीं लिया है। अब हाल ही में शिवसेना ने यही बात अपने मुखपत्र सामना के जरिए कही है।
सामना में लिखा गया है- 'भारतीय जनता पार्टी को क्या हो गया है? महाराष्ट्र में बीजेपी का का सिर घूम गया है क्या?' इसी के साथ शिवसेना ने यह भी कहा कि, 'भाजपा ने आंदोलन किया इसलिए भगवान के दरवाजे खोले गए जैसी बातें करना मतलब बची-खुची अक्ल को भी गिरवी रखने जैसा है। जिनका भाजपा या हिंदुत्व की विचारधारा से जरा-सा भी संबंध नहीं था, ऐसे लोग सत्ता के लिए भाजपा में घुसे। बाहरी लोग हिंदुत्व पर बोलें और सलाह दें, इसे एक मजाक ही कहा जाएगा।'
वहीं आगे सामना में भाजपा पर तंज कसते हुए शिवसेना ने कहा कि, 'किसी एक बोगस ‘आचार्य’ को आगे करके मंदिरों के ताले खोलने के लिए आंदोलन किया गया। कौन है वह आचार्य? लेकिन भाजपा को मुफ्त में नाचने के लिए लोग मिलते हैं। किराए से लाकर महाराष्ट्र सरकार के नाम पर बवाल करना उनके खाली वक्त का धंधा बन चुका है। भाजपा के बाहरी और नचनिए हिंदुत्ववादियों के जरिए मंदिर खोलने का आंदोलन करना था तो उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के घर के सामने करना चाहिए था, क्योंकि राज्य सरकार केंद्र के ही कोरोना संबंधी निर्देशों का पालन कर रही थी।'
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