नई दिल्ली: दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर में फर्जी तरीके से कोविड-19 वैक्सीन लगाने का केस सामने आया है। ग्रेटर नोएडा के दादरी में प्राइवेट क्लीनिक में फर्जी से तरीके से वैक्सीन दी जा रही थी। लेकिन इस वैक्सीनेशन प्रोग्राम को शुरू करने के लिए किसी भी तरह की कोई अनुमति नहीं दी गई थी। दादरी पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लीनिक पर छापा मारकर इस घटना का खुलासा किया।
दादरी पुलिस ने मौके से 5 लोगो को गिरफ्तार भी किया है। इनके कब्जे से वैक्सीन, लैपटॉप, मोबाइल और थर्मामीटर बरामद हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें जानकारी मिली कि दादरी के एक निजी क्लीनिक (गोपाल पैथोलॉजी लैब) में फ्री में कोविड -19 वैक्सीन का डोज दिया जा रहा था। इसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी।
जिसके बाद सीएमओ ने एक टीम गठित कर मौके पर जांच के लिए भेजा। जहां स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के साथ पहुंची पुलिस ने 5 लोगो को गिरफ्तार भी किया है। उनके कब्जे से वैक्सीन को भी बरामद कर लिया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसर ने कहा है कि दादरी में अब तक ये लोग 18 लोगों को वैक्सीन लगा चुके थे। वहीं नोएडा, गाज़ियाबाद में हजार से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगा चुके थे।
फिलहाल, केस में स्वास्थ्य मंत्रालय और पुलिस अब जांच में जुट गया है। जांच में पता लगाया जा रहा है कि ये लोग कोरोना वैक्सीन ही लगा रहे थे या वैक्सीन के नाम पर कुछ और। आखिर वैक्सीन के ट्रायल से पहले गवर्नमेंट और जिला प्रशासन से अनुमति क्यों नही ली गई। कहां और कितने लोगों को ये वैक्सीन लगा चुके हैं। इन सवालों को लेकर हिरासत में लिए सभी 5 लोगो से पूछताछ अब भी चल रही है। बता दें कि देशभर में 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था। जबकि फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए टीकाकरण 2 फरवरी 2021 से शुरू किया गया।
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