तेल अवीव: एक तरफ दुनियाभर में बढ़ता ही जा रहा कोरोना का कहर अब थमने का नाम नहीं ले रहा, आज इस वायरस का प्रकोप इस कदर बढ़ चुका है कि लोगों की जान का दुश्मन बनता जा रहा है. हर दिन इस वायरस की चपेट में आने से हजारों लोगों की जान जा रही है, तो वहीं इस वायरस के कारण दुनियाभर में अब तक 1 लाख 65 हजार से अधिक मौते हो चुकी है. जंहा कोविड-19 के प्रकोप से दुनिया में मचे हाहाकार के बीच एक इजरायली वैज्ञानिक ने महत्वपूर्ण खोज की है. तेल अवीव विश्वविद्यालय में कोरोना फैमिली के वायरस से बचाव वाली वैक्सीन का नमूना तैयार किया गया है. अमेरिका ने इस वैक्सीन के नमूने के पेटेंट को स्वीकृति दे दी है.
वैक्सीन का नमूना विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मॉलिकुलर सेल बायोलॉजी एंड बायो टेक्नोलॉजी में प्रोफेसर जोनाथन गरशोनी की टीम ने तैयार किया है. यह वैक्सीन कोरोना वायरस की संरचना पर सीधी चोट कर उसे निष्क्रिय करती है. क्लिनिकल ट्रायल के लिए जाने में अभी इस प्रस्तावित वैक्सीन को कई महीने लंबी प्रक्रिया का इंतजार करना होगा. गरशोनी ने बताया है कि शोध से पता चला है कि वायरस पहले मानव शरीर की कोशिका के प्रोटीन के साथ संबंध स्थापित करता है और इसके बाद कोशिका की बाहरी परत को भेदकर उसके भीतर दाखिल हो जाता है. इसके बाद वह कोशिका को संक्रमित करना शुरू कर देता है. ऐसा शरीर की लाखों कोशिकाओं में होता है. नतीजतन, वायरस के प्रभाव में आया व्यक्ति बीमार हो जाता है और संक्रमित कोशिकाओं की संख्या बढ़ती जाती है. गरशोनी कोरोना फैमिली के वायरसों पर पिछले 15 साल से काम कर रहे हैं. सार्स और मर्स वायरस पर भी उन्होंने काम किया है.
वहीं दूसरी ओर WHO ने आशंका जताई है कि हाल-फिलहाल में जानलेवा कोरोना वायरस के इलाज के लिए किसी कारगर वैक्सीन के विकसित होने की कोई संभावना नहीं है. वैश्विक संगठन के विशेष दूत डेविड नैबैरो ने चेताया है, 'इस बात की कोई गांरटी नहीं कि आने वाले महीनों में जानलेवा वायरस को खत्म करने वाली कोई वैक्सीन सफलतापूर्वक विकसित कर ली जाए.' नामचीन संक्रामक रोग विशेषज्ञ का मानना है कि लोगों को वायरस के खतरे के साथ जीने की आदत डालनी होगी. बचाव के उपायों को हर हाल में अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना होगा.
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