कोरोना वैक्सीन को लेकर दुनियाभर में हलचल मची हुई है। भारत बायोटेक की कोवक्सिन के लिए परीक्षण-COVID-19 के लिए भारत के स्वदेशी वैक्सीन उम्मीदवार-द्वितीय चरण में जाने के लिए तैयार हैं I क्यूंकि इस चरण के परीक्षणों में इसका इस्तेमाल करने वाले स्वयंसेवकों में कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है. रिपोर्टों के अनुसार, परीक्षणों के पहले चरण में देश भर में 325 लोगों को टीका लगाया गया था. मानव क्लीनिकल ट्रायल के दूसरे चरण को शुरू करने के लिए भुवनेश्वर के एक अस्पताल में तैयारी चल रही है। चिकित्सा विज्ञान संस्थान और चिकित्सा विज्ञान संकाय के एसयूएम अस्पताल में परीक्षण के प्रमुख अन्वेषक डॉ ई वेंकट राव ने कहा, "परीक्षण के चरण मैं अभी भी जारी है के रूप में हम द्वितीय चरण के परीक्षण की शुरुआत के लिए शीघ्र ही योजना बना रहे हैं."
टीका प्राप्त करने वाले स्वयंसेवकों से एकत्र किए गए रक्त नमूनों का यह पता लगाना था कि टीका विकसित एंटीबॉडी के स्तर के संदर्भ में कितना प्रभावी था, डॉ राव ने कहा कि वैक्सीन के पहले चरण के परीक्षण में ' कोई साइड इफेक्ट ' नहीं हुआ था. आईएमएस और एसओएम अस्पताल हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा विकसित वैक्सीन के मानव परीक्षण संचालन के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा चुने गए देश के 12 चिकित्सा केंद्रों में से एक है.
डॉ राव ने कहा, टीकाकरण के तीन से सात दिन पहले की अवधि में आयोजित स्क्रीनिंग प्रक्रिया के माध्यम से चुने जाने के बाद प्रत्येक स्वयंसेवक को वैक्सीन की दो खुराक दी गई. पहली खुराक माह के शुरुआत पर दी गई जब रक्त का नमूना एकत्र किया गया. दूसरी खुराक 14 दिन बाद दी गई और रक्त का नमूना भी एकत्र किया गया. उन्होंने कहा कि बाद में सुरक्षा की अवधि का आकलन करने के लिए 28, 42, 104, 194 दिन स्वयंसेवकों के रक्त नमूने भी एकत्र किए जाएंगे.
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