संपन्न देश अमेरिका में कोरोना वायरस से कम से कम 44 लाख (4 मिलियन) निजी क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिको पर अधिक असर हुआ है। वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार कोरोना महामारी के दौरान श्रमिकों को वेतन में कटौती का सामना करना पड़ रहा है। शिकागो के बेकर फ्रीडमैन इंस्टीट्यूट के लिए श्रम बाजार विश्लेषण पर काम करने वाले अर्थशास्त्रियों द्वारा वाशिंगटन पोस्ट को उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक मंदी के दौरान श्रमिकों के वेतन में कटौती की संभावना दोगुनी हो गई है। जिस से श्रमिक वर्ग संकट में आ गया है.
वही श्रम विभाग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है कि अमेरिका में 60 लाख से अधिक श्रमिकों को महामारी के दौरान पार्ट टाइम काम करने के लिए मजबूर किया गया, जबकी वह फुल टाइम काम करना चाहते हैं। न्यू जर्सी के एयर कंडीशनिंग व्यवसाय में काम करने वाले डेनिस ने कहा कि मेरा साप्ताहिक वेतन 720 अमरीकी डॉलर से गिरकर 576 डालर हो गया है. वही व्यापक वेतन कटौती बहुत असामान्य है। फर्म आम तौर पर प्रशासनिक चुनौतियों से निपटने की जगह श्रमिकों की छंटनी करने पर जोर देती हैं। लेकिन, कुछ व्यवसायों ने पोस्ट के मुताबिक 5 से 50 प्रतिशत के बीच वेतन में कटौती कर नौकरिया बचाने का प्रयास किया है.
वही श्रम बाजार विशेषज्ञ और आर्थिक अनुसंधान के प्रबंधक शमथ गिंबेल ने अपने बयान में कहा, कि हमें वेतन वृद्धि में थोड़ी सी भी तेजी देखने में बहुत समय लग सकता है। छोटी और बड़ी दोनों प्रकार की कंपनियों के वेतन में कटौती हुई है। लगभग एक तिहाई छोटे व्यवसायों ने मई में कुछ श्रमिकों के वेतन में कम से कम 10 प्रतिशत की कटौती की है।
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