इस्लामबाद: एक तरफ बढ़ रहा कोरोना का कहर अब इतना बढ़ चुका है. कि हर तरफ केवल तवाही का मंज़र देखने को मिल रहा है. जंहा अब तक इस वायरस से मरने वालों कि संख्या 165000 से अधिक हो चुकी है. वहीं अभी भी लोगों में इस वायरस का खौफ फैला हुआ है. वहीं इस बीमारी से लड़ने के लिए अब भी डॉक्टर इलाज़ खोज रहे है. इतना ही नहीं इस वायरस ने अब एक महामारी का रूप भी ले लिया है. जंहा देखों वहां लोगों के घरों में खाने की दिक्कत बढ़ती ही जा रही है.
वहीं हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पाकिस्तान में लागू लॉकडाउन के बीच एक गर्भवती महिला की भुखमरी के कारण मौत हो गई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस महिला की मौत सिंध प्रांत के मीर खास जिले के झूडो (Jhudo) में हुई है. महिला के पति ने बताया कि लॉकडाउन के चलते उसके पास काम नहीं है जिस वजह से वो अपने परिवार के लिए खाने और अन्य रोजमर्रा की जरूरतें पूरा नहीं कर पा रहा है. इसके अलावा इस शख्स के 6 बच्चे भी हैं. इतना ही नहीं इस शख्स के मुताबिक उसके पास पत्नी को दफनाने के लिए भी पैसे नहीं हैं.
इस बीच वहां रहने वाले स्थानीय लोगों ने उसको दफनाने के लिए पैसे इकट्ठे किए हैं. इस घटना ने पाकिस्तान की इमरान सरकार और सिंध सरकार के उन दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं जिनमें लॉकडाउन के दौरान गरीबों को खाना और काम मुहैया कराने के वादे किए गए थे. इसके अलावा यहां रहने वाले वो लोग भी गुस्से में हैं जो मजदूरी करके अपने घर का खर्च चलाते हैं और उन्हें अब तक लॉकडाउन लागू होने से पहले किए गए अपने पुराने काम का भी पैसा नहीं मिला है. विभिन्न क्षेत्रों के श्रमिकों और अन्य कर्मचारियों ने इस मुद्दे पर कराची में बड़ी संख्या में प्रदर्शन का मंचन भी किया है.
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