देश में कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या 1.58 लाख से भी आगे निकल चुकी है. लॉकडाउन के चौथे चरण में हर रोज ही हजारों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं. इसकी वजह लोगों के बीच एक डर भी पनप रहा है और कहीं न कहीं निराशा भी जन्म लेने लगी है. लेकिन इन्हीं मुश्किल घड़ी के बीच कुछ ऐसी भी खबरें हैं जो हमारा विश्वास कायम रख पा रही हैं. ये विश्वास कोरोना के खिलाफ शुरू हुई लंबी जंग में सबसे बड़ी ताकत भी है. यदि ऐसा नहीं होता तो हम इस जंग में काफी पिछड़ सकते थे.
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जब देश में 30 जनवरी को कोरोना का पहला मामला सामने आया था उस वक्त पीपीई किट का नाम मात्र का ही उत्पाद होता था जो अब बढ़कर 5 लाख तक जा पहुंचा है. हर रोज ही देश में इतनी पीपीई किट तैयार की जा रही हैं. इसकी वजह जहां हमारे विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों का परिश्रम है वहीं हमारे पास मौजूद आधुनिक तकनीक भी है जिसकी वजह से ये संभव हो पाया है. इसके लिए विदेशों से भी मशीनें मंगाई गई हैं जिनकी मदद से विश्वस्तर की पीपीई किट बनाई जा रही हैं. ये हाल तब है जब लॉकडाउन की बदौलत आधी क्षमता पर काम हो रहा है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कोरोना वायरस की जांच को लेकर भी भारत अन्य देशों के मुकाबले कहीं आगे है. हर रोज लाखों की तादाद में टेस्ट किए जा रहे हैं. देश में इसकी रोकथाम को लेकर जो कवायद की गई है उसकी बदौलत बीते कुछ दिनों में संक्रमण के नए मामलों में गिरावट भी देखने को मिली है. बीते चौबीस घंटों के दौरान कोरोना के रिकॉर्ड 1,16,041 टेस्ट किए गए जिनमें से संक्रमितों की संख्या 6,387 निकली. यह आंकड़ा दो कारणों से महत्वपूर्ण है. एक पांच दिनों में सबसे ज्यादा सैंपल टेस्ट हुए. दूसरे इनमें संक्रमित सबसे कम निकले.
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