दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक (Facebook) ने कोरोना वायरस से जुड़े फर्जी कंटेंट पर रोक लगाने के लिए 40 मिलियन वार्निंग लेबल जारी किए हैं, जिससे यूजर्स वायरस से जुड़ी गलत जानकारी को आसानी से पहचान सकेंगे। इसके साथ ही कंपनी ने कोरोना वायरस की फर्जी जानकारी की पहचान करने के लिए फेक्ट चेक कंपनियों के साथ साझेदारी की है। इस बात की जानकारी कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने साझा की है।
वार्निंग लेबल के जरिए फर्जी कंटेंट को रोका जा सकेगा
मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि इन वार्निंग लेबल के जरिए फर्जी कंटेंट को रोकने में आसानी होगी और यूजर्स इन लेबल को देखने के बाद इनपर क्लिक नहीं करेंगे। उन्होंने आगे कहा है कि हमने अपने मुख्य एप में सबसे ऊपर एक पेज को जगह दी है, जो कोरोना वायरस की सही जानकारी उपलब्ध कराता है। वहीं दूसरी तरफ गलत जानकारी को फैलने से रोकना बहुत जरूरी है, नहीं तो यह यूजर्स को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
फेसबुक मैसेंजर और व्हाट्सएप की यूसेज बढ़ी
मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि जहां सबसे ज्यादा वायरस है, वहां व्हाट्सएप और मैसेंजर के इस्तेमाल में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। 50 फीसदी से ज्यादा यूजर्स ने ऑडियो और वीडियो कॉल के लिए इन प्लेटफॉर्म का उपयोग किया है।
फेसबुक ने इससे पहले विज्ञापनों पर लगाई थी रोक
फेसबुक ने कुछ महीनों पहले कोरोना वायरस के बारे में गलत जानकारी देने वाले विज्ञापनों पर रोक लगा दी थी। आपको बता दें कि इन विज्ञापनों में कोरोना वायरस को लेकर ऐसी जानकारी दी जा रही थी, जो पूरी तरह से गलत थी। इसके अलावा फेसबुक के प्लेटफॉर्म से कोरोना वायरस से बचाव या इलाज वाले विज्ञापनों को भी हटा दिया गया था। वहीं, कंपनी का कहना था कि इन हटाएं गए विज्ञापनों में कोरोना वायरस से जुड़ी गलत जानकारी उपलब्ध थी। साथ ही इससे यूजर्स पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा था।
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