चीन के सबसे बड़े कार डीलर्स में से एक की निदेशक ब्रिगिटा इस समय बड़ी उलझन में हैं। वहीं उनके पास अपनी कंपनी को बचाने के लिए बहुत विकल्प नहीं बचे हैं क्योंकि कंपनी के 100 आउटलेट कोरोनावायरस की वजह से बीते एक माह से बंद हैं। कंपनी के पास कैश खत्म हो रहा है और बैंक आसानी से कर्ज नहीं दे रहे हैं। इसके साथ ही यह सिर्फ एक कंपनी की कहानी है परन्तु चीन की लाखों कंपनियां अपने अस्तित्व को बचाने में जद्दोजहद में लगी हुई हैं। इन कंपनियों को सरकार की ओर से किए गए तमाम उपायों का कुछ खास फायदा अब तक नहीं मिल सका है।
Coronavirus ने 75,000 से ज्यादा लोगों को अपने जद में ले लिया है। इस वजह से चीन की इकोनॉमी लगभग थम सी गई है। इसके साथ ही छोटी एवं मझोले आकार की कंपनियों को लेकर हाल में हुए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि केवल एक तिहाई कंपनियों के पास ही एक महीने के खर्च लायक नकदी बची है। वहीं एक तिहाई कंपनियों का कहना है कि उनके पास दो माह के खर्च के बराबर कैश पड़ा है।
चीन की सरकार ने स्थिति को काबू में करने के लिए ब्याज दरों में कटौती की है। इसके अलावा बैंकों को अधिक कर्ज देने और कंपनियों को परिचालन दोबार शुरू करने के लिए नियमों में ढील देने को कहा है। फिलहाल , चीन के करोड़ों कारोबारियों में से कई का कहना है कि उन्हें कर्ज और सैलरी के पेमेंट के लिए फंड नहीं मिल पा रहा है। इसके साथ ही बिना किसी वित्तीय मदद के इनमें से कई कंपनियां बंद हो सकती हैं। वहीं Beijing Zhonghe Yingtai Management Consultant Co में एनालिस्ट एल चांगसुन का कहना है कि यदि चीन इस साल की पहली तिमाही में वायरस को रोकने में विफल रहता है तो बड़ी संख्या में छोटी कंपनियों के बंद होने का खतरा है।
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