देश को हिलाकर रख देने वाले कोरोना वायरस से जंग में हरिद्वार भी ‘हथियार’ बनाने में जुटा है। जी हां, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि देश की कुल आवश्यकता का करीब 20 प्रतिशत सैनिटाइजर और अन्य आवश्यक दवाओं का उत्पादन अकेले हरिद्वार में किया जा रहा है। वहीं जिले में दिन रात काम कर रही 720 फैक्ट्रियों में से करीब पांच सौ फार्मा कंपनियों में 40 हजार के आसपास कर्मचारी तीन शिफ्टों में काम कर रहे हैं। इसके साथ ही वर्ष 2005 में वजूद में आया सिडकुल फार्मा कंपनियों का बड़ा हब है। इसके साथ ही यहां एशिया की सबसे बड़ी दवाई सप्लाई करने वाली कंपनी एकम्स ड्रग्स समेत छोटी-बड़ी सैकड़ों कंपनियां कार्यरत हैं।
इस समय देश में कोरोना के संक्रमण से बचाने में हरिद्वार की कंपनियां बड़ा योगदान दे रही हैं।फार्मा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री और हरिद्वार इकाई के अध्यक्ष अनिल शर्मा की मानें तो कुल आवश्यकता का बीस प्रतिशत सैनिटाइजर एवं अन्य जरूरी दवाईयां कैप्सूल, टेबलेट, सिरप, इंजेक्शन एवं अन्य सहयोगी दवाइयां यहीं बन रही हैं। सैनिटाइजर की करीब 50 लाख बोतल प्रतिदिन बनाई जा रही हैं।लॉकडाउन के दौरान सभी फार्मा कंपनियों को अति आवश्यक श्रेणी में मौजूद करते हुए विशेष अनुमति दी गई थी। वहीं कंपनियों में उत्पादन करने में जुटे कर्मचारियों और अधिकारियों की आवाजाही को लेकर विशेष पास जारी करने के साथ ही माल लाने और ले जाने के लिए भी प्रशासन भरपूर सहयोग दे रहा है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि अति आश्यक सेवाओं में मौजूद की गई फार्मा इंडस्ट्री के जिन भी अफसरों, कर्मचारियों की ड्यूटी इस समय लगाई गई है, उनका ड्यूटी पर आना आवश्यक है। ऐसे में अगर कोई काम पर नहीं आएगा तो उसके विरुद्ध श्रम कानून के तहत कार्रवाई करने की अनुमति फैक्ट्री संचालकों को दे दी गई है। इसके साथ ही हरिद्वार के पास बड़ा टारगेट है। ऐसे में इन कंपनियों का सामान लाने, ले जाने समेत ढुलाई के बाद खाली जाने वाले ट्रकों को देश में कहीं भी न रोका जाए, इसके लिए सभी राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र भेजकर आग्रह किया गया है।
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