देहरादून: COVID-19 संक्रमण के सीरियस मरीजों के उपचार के लिए गवर्मेंट की तरफ से प्राइवेट हॉस्पिटलों को वेंटिलेटर दिए जाएंगे. इसके लिए प्राइवेट हॉस्पिटलों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. किन्तु वेंटिलेटर में तकनीकी खराबी आने पर उसे ठीक करने की जिम्मेदारी हॉस्पिटलों की ही होगी. इस सिलसिले में हेल्थ सेक्रेटरी अमित सिंह नेगी निर्देश जारी कर दिए हैं. COVID-19 संक्रमित मरीज बढ़ने पर गवर्मेंट ने प्राइवेट हॉस्पिटलों को उपचार की मंजूरी दी है.
वही सरकार की मंजूरी प्राप्त होने के पश्चात् कई हॉस्पिटल COVID-19 संक्रमितों का उपचार कर रहे हैं. किन्तु उनके पास पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर मौजूद नहीं हैं. दरअसल, राज्य सरकार को केंद्र से पर्याप्त वेंटिलेटर प्राप्त कराए गए हैं. गवर्मेंट हॉस्पिटलों की जरूरतों के पश्चात् डिपार्टमेंट के पास अतिरिक्त वेंटिलेटर हैं. हेल्थ सेक्रेटरी अमित सिंह नेगी की तरफ जारी आदेश के मुताबिक, इन वेंटिलेटरों का उपयोग केवल COVID-19 संक्रमित मरीजों के इलाज में ही किया जाएगा. COVID-19 संक्रमण समाप्त होने के पश्चात् प्राइवेट हॉस्पिटलों को वेंटिलेटर वापस करने होंगे.
कलेक्टर तथा मुख्य चिकित्साधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर प्राइवेट हॉस्पिटलों को वेंटिलेटर दिए जाएंगे. गवर्मेंट के इस निर्णय से प्राइवेट हॉस्पिटलों की दिक्कतें दूर होगी. सीरियस मरीजों को वक़्त पर वेंटिलेटर की सुविधा प्राप्त हो सकेगी. COVID-19 संक्रमण के नियंत्रण के लिए सरकार का सैंपल जांच बढ़ाने पर जोर है. दून तथा श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में स्थापित लैब में अब रोजाना दो हजार नमूनों की जांच की जाएगी. इसी के साथ कई सुविधाएँ प्राप्त की जाएगी.
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